राहुल गांधी को लोकसभा चुनाव के बाद गिरफ्तार किया जाएगा: हिमंत विश्व शर्मा
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा चुनाव के बाद गिरफ्तार किया जाएगा जिनके खिलाफ यहां हिंसा भड़काने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है। असम पुलिस ने कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान मंगलवार को यहां हिंसा भड़काने के आरोप में राहुल गांधी और पार्टी के अन्य कई नेताओं के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए प्राथमिकी दर्ज की थी। गांधी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित असम सरकार ‘‘चाहे जितने मामले दर्ज कर ले’’ लेकिन वह डरने वाले नहीं हैं। शर्मा ने शिवसागर जिले के नजीरा में एक कार्यक्रम से इतर कहा, ‘‘हमने एक प्राथमिकी दर्ज कर ली है। एक विशेष जांच दल तफ्तीश करेगा और उन्हें (राहुल को) लोकसभा चुनाव के बाद गिरफ्तार किया जाएगा।’’ लोकसभा चुनाव कुछ ही महीने में होने हैं।
कांग्रेस नेताओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई, जो आपराधिक साजिश, गैरकानूनी जमावड़ा, दंगा, हमला या लोक सेवकों को उनके कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने के लिए आपराधिक बल, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और अन्य से संबंधित है। असम के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जी पी सिंह ने कहा कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीआईडी) द्वारा गठित एसआईटी के माध्यम से गहन जांच के लिए मामला असम सीआईडी को स्थानांतरित कर दिया गया है। इससे पहले, शर्मा ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को मंगलवार को गुवाहाटी शहर में प्रवेश के प्रयास में अवरोधक तोड़ने के लिए भीड़ को उकसाने को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था।
कांग्रेस समर्थकों ने जब अवरोधक हटाए तो पुलिसकर्मियों के साथ उनकी झड़प हो गई। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेन बोरा और राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देबब्रत सैकिया को चोट आईं। सरकार ने कहा कि यात्रा में शामिल लोगों को कामरूप (ग्रामीण) जिले तक पहुंचने के लिए एक राजमार्ग से जाने को कहा गया था और गुवाहाटी के मुख्य मार्ग में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई क्योंकि इससे यातायात जाम हो सकता था। सोमवार को, प्रशासन ने गांधी को नगांव जिले में श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान पर जाने से भी रोक दिया था, जबकि मोरीगांव जिले के अधिकारियों ने उन्हें नुक्कड़ सभाएं और पदयात्रा करने से रोक दिया था। शंकरदेव असमिया संत-विद्वान, सामाजिक-धार्मिक सुधारक, कवि, नाटककार थे। वह 15वीं-16वीं शताब्दी के असम के सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास की बड़ी शख्सियत माने जाते हैं। पुलिस ने राज्य में यात्रा के पहले दिन 18 जनवरी को कांग्रेस द्वारा कथित रूप से तय मार्ग से अलग सड़क से यात्रा के लिए जोरहाट सदर थाने में स्वत: संज्ञान लेते हुए एक प्राथमिकी दर्ज की थी।
इससे पहले, गांधी ने भाजपा की प्रदेश सरकार को चुनौती दी कि वे ‘‘चाहे जितने मामले दर्ज कर लें’’ लेकिन वह डरने वाले नहीं हैं। गांधी ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि हिमंत विश्व शर्मा को यह विचार कैसे आया कि वह मामले दर्ज करके मुझे डरा सकते हैं। जितना संभव हो, उतने मामले दर्ज करें। 25 और मामले दर्ज करें, आप मुझे डरा नहीं सकते। भाजपा-आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) मुझे डरा नहीं सकते।’’ मुख्यमंत्री ने दावा किया कि गांधी को असम से लगाव नहीं है, बल्कि उन्होंने ‘मीडिया का ध्यान खींचने’ के लिए वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान में प्रवेश करने के लिए हंगामा किया। शर्मा ने कहा, ‘‘अगर उनके मन में असम के महापुरुषों के प्रति इतना सम्मान है, तो उन्हें प्रसिद्ध गायक भूपेन हजारिका के स्मारक या गुवाहाटी में कामाख्या मंदिर और पवित्र पोआ मक्का (मुसलमानों के लिए तीर्थस्थल) या हाजो में हयग्रीव मंदिर की यात्रा करनी चाहिए थी, जहां उन्होंने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया था।’’ शर्मा ने कहा कि गांधी बारपेटा में रात विश्राम के लिए रुके थे और वहां सत्र (वैष्णव मठ) की यात्रा कर सकते थे।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने इनमें से किसी भी जगह का दौरा नहीं किया लेकिन वह घटिया राजनीति करना चाहती थी। हालांकि, उन्हें याद रखना चाहिए कि इस तरह की रणनीति से वह कभी सफल नहीं होंगे।’’ यात्रा को गुवाहाटी में प्रवेश की अनुमति नहीं दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर शर्मा ने पलटवार करते हुए कहा, ‘‘वे नगांव से बारपेटा कैसे पहुंचे?....रॉकेट लांचर द्वारा... बात बस इतनी है कि उन्हें एक खास सड़क नहीं बल्कि दूसरी सड़क से जाने के लिए कहा गया था। उन्होंने ड्यूटी पर तैनात लोक सेवकों पर हमला करते हुए हिंसक व्यवहार किया।’’ शर्मा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्होंने ‘डरपोक’ होने के लिए एक नया मानक स्थापित किया है। उन्होंने पोस्ट में कहा, ‘‘दिलचस्प। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिंसा के लिए उकसाने के बाद, राहुल गांधी (जो बस यात्रा पर हैं) चुपचाप अपनी शानदार बस से बाहर आए और एक छोटी कार में शहर से अपने अगले गंतव्य हाजो की ओर चले गए। राहुल ने डारपोक होने का नया मानक स्थापित किया है। हा हा।’’ एक अन्य पोस्ट में, शर्मा ने बस के अंदर गांधी के साथ यात्रा की दो तस्वीरें पोस्ट कीं, जिसका शीर्षक था- ‘‘हिंदू बहुल क्षेत्र (वाहन के अंदर)’’। दूसरे का शीर्षक था ‘‘मुस्लिम बहुल क्षेत्र (वाहन के ऊपर)।’’ शर्मा ने कहा कि उन्हें एक बात की खुशी है कि मुस्लिम बहुल इलाकों की माताएं और बहनें इस यात्रा में शामिल नहीं हुईं।