प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (9 सितंबर) राष्ट्रीय राजधानी में जी20 शिखर सम्मेलन 2023 के पहले सत्र को संबोधित किया। सभा स्थल पर पीएम मोदी के सामने डिस्प्ले कार्ड पर 'भारत' लिखा हुआ दिखा। पहले ज्यादातर मौकों पर यह इंडिया हुआ करता था। यह कदम चल रहे 'इंडिया बनाम भारत' विवाद के बीच आया है, जब 5 सितंबर को कांग्रेस ने जी20 रात्रिभोज के निमंत्रण पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को "भारत के राष्ट्रपति" के रूप में संदर्भित करने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर हमला किया था और सरकार पर डरने का आरोप लगाया था। पीएम मोदी की पहचान शनिवार को जी20 शिखर सम्मेलन में 'भारत' का प्रतिनिधित्व करने वाले नेता के रूप में की गई जब उन्होंने दो दिवसीय बैठक की शुरुआत में अपनी प्रारंभिक टिप्पणी की।
सरकार ने कई आधिकारिक G20 दस्तावेज़ों में इंडिया के साथ-साथ देश के लिए संविधान में प्रयुक्त नाम 'भारत' का उपयोग किया है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा है कि यह एक सोच-समझकर लिया गया फैसला है। शिखर सम्मेलन के आयोजन स्थल भारत मंडपम में सभा को संबोधित करते समय मोदी के सामने लगे नाम कार्ड में 'भारत' लिखा था। सत्तारूढ़ भाजपा ने प्राचीन हिंदी नाम की सांस्कृतिक जड़ों का हवाला देते हुए भारत के उपयोग की सराहना की है। कुछ नेताओं ने दावा किया कि अंग्रेजी नाम 'इंडिया' एक औपनिवेशिक विरासत है। हालाँकि, पार्टी ने अपने नेताओं के साथ 'भारत बनाम इंडिया' बहस में पड़ने से काफी हद तक परहेज किया है और कहा है कि संविधान देश के लिए दोनों नामों का उपयोग करता है।
मोदी ने क्या कहा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि यूक्रेन युद्ध ने दुनिया में विश्वास की कमी को गहरा कर दिया है और भारत पूरी दुनिया से इसे एक-दूसरे पर भरोसे में तब्दील करने की अपील करता है। मोदी ने यहां ‘भारत मंडपम’ में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की शुरुआत करते हुए अपने संबोधन में कहा कि 21वीं सदी दुनिया को नयी दिशा देने का समय है। उन्होंने कहा, ‘‘अब समय आ गया है, जब पुरानी चुनौतियां हमसे नये समाधान चाहती हैं और इसीलिए हमें अपनी जिम्मेदारियों को पूरी करने के वास्ते मानव-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना होगा।’’