संयुक्त निदेशक उद्यान विभाग भरतपुर संभाग ने डीग जिला की पंचायत समिति कामां तथा पहाड़ी के विभिन्न गांवों का किया दौरा
भरतपुर .....योगेश कुमार शर्मा संयुक्त निदेशक उद्यान विभाग भरतपुर संभाग ने हरेंद्र सिंह कृषि अधिकारी उद्यान विभाग भरतपुर के साथ आज़ डीग जिले की पंचायत समिति कामां तथा पहाड़ी के विभिन्न गांवों का दौरा किया और RWSLIP योजनांतर्गत किसानों से संपर्क किया गया। शर्मा द्वारा बताया गया कि
RWSLIP योजनांतर्गत फव्वारा संयंत्र, ड्रिप तथा मिनी स्प्रिंकलर संयंत्र, सौर ऊर्जा संयंत्र वर्मी बेड इकाई इत्यादि की स्थापना करने पर इकाई लागत का 75 प्रतिशत अनुदान मिलता है।
संयुक्त निदेशक उद्यान शर्मा द्वारा पंचायत समिति कामां के गांव बांदीपुर, दांदेडा में किसानों के यहां स्थापित वर्मी बेड का अवलोकन किया गया । गांव सतवास में किसान राजेश पुत्र लच्छी राम द्वारा स्थापित सौर ऊर्जा संयंत्र का अवलोकन किया गया।
पंचायत समिति पहाड़ी के गांव खेड़ली नानू, सहसन, बमनवाडी़ गांवों में किसानों द्वारा स्थापित वर्मी बेड का अवलोकन किया गया। वर्मी बेड अवलोकन करते समय किसानों को वर्मी कंपोस्ट बनाने की तकनीक, उपयोग करने की विधि तथा फसलों में इसके उपयोग से होने वाले लाभों की जानकारी भी दी।
इस दौरान जैविक खेती के बारे में चर्चा करते हुए किसानों से अपील की गई कि आगे आने वाले समय में जैविक खेती का महत्व प्रमाणित हो जाएगा और मानव जगत को अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए जैविक खेती करते हुए जैविक उत्पाद ही उपयोग में लाने पड़ेंगे, तभी समाज का कल्याण, संभव हो पाएगा , अन्यथा हमारा योगेश कुमार शर्मा संयुक्त निदेशक उद्यान विभाग भरतपुर संभाग ने हरेंद्र सिंह कृषि अधिकारी उद्यान विभाग भरतपुर के साथ आज़ डीग जिले की पंचायत समिति कामां तथा पहाड़ी के विभिन्न गांवों का दौरा किया और RWSLIP योजनांतर्गत किसानों से संपर्क किया गया। शर्मा द्वारा बताया गया कि RWSLIP योजनांतर्गत फव्वारा संयंत्र, ड्रिप तथा मिनी स्प्रिंकलर संयंत्र, सौर ऊर्जा संयंत्र वर्मी बेड इकाई इत्यादि की स्थापना करने पर इकाई लागत का 75 प्रतिशत अनुदान मिलता है।
संयुक्त निदेशक उद्यान शर्मा द्वारा पंचायत समिति कामां के गांव बांदीपुर, दांदेडा में किसानों के यहां स्थापित वर्मी बेड का अवलोकन किया गया । गांव सतवास में किसान राजेश पुत्र लच्छी राम द्वारा स्थापित सौर ऊर्जा संयंत्र का अवलोकन किया गया।
पंचायत समिति पहाड़ी के गांव खेड़ली नानू, सहसन, बमनवाडी़ गांवों में किसानों द्वारा स्थापित वर्मी बेड का अवलोकन किया गया। वर्मी बेड अवलोकन करते समय किसानों को वर्मी कंपोस्ट बनाने की तकनीक, उपयोग करने की विधि तथा फसलों में इसके उपयोग से होने वाले लाभों की जानकारी भी दी।
इस दौरान जैविक खेती के बारे में चर्चा करते हुए किसानों से अपील की गई कि आगे आने वाले समय में जैविक खेती का महत्व प्रमाणित हो जाएगा और मानव जगत को अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए जैविक खेती करते हुए जैविक उत्पाद ही उपयोग में लाने पड़ेंगे, तभी समाज का कल्याण, संभव हो पाएगा , अन्यथा हमारा शरीर बीमारियों का घर बन कर रह जाएगा।शरीर बीमारियों का घर बन कर रह जाएगा।