भूमाफियाओं ने खेतों में काट दिए प्लॉट, नगरपालिका ने डाली सड़क: पार्षद ने जिला कलेक्टर,मुख्यमंत्री को की शिकायत
रुपबास, भरतपुर (सोहनसिंह योगी)
रूपवास। शहर के आसपास भू-माफियाओंं ने खेतों को कम दामों में खरीदकर वहां प्लॉट काट दिए। फिर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके नगर पालिका से वहां सड़कें बनवाईं और बैक डेट के स्टांप पर प्लॉट बेच दिए। इस तरह कुछ ही समय में कौड़ियों की जमीन करोड़ों रुपए की हो गई। नगर पालिका अफसरों की मिलीभगत से हुए इस घोटाले की अब स्थानीय पार्षद अर्चना जाटव ने मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से लेकर जिला कलेक्टर तक को शिकायतें भेजी हैं। इसमें उन्होंने पूरे मामले की गहन जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
पार्षद अर्चना जाटव का आरोप है कि इस खेल में नगर पालिका पूरी तरह से भू-माफियाओं का साथ दे रही है, क्योंकि नगरपालिका के अफसर भी इस खेल में शामिल हैं।पार्षद अर्चना जाटव का आरोप है कि जमीनों के इस खेल में नगर पालिका चेयरमैन, उपाध्यक्ष के परिजन और रूपवास कस्बे के कई सफेदपोश लोग शामिल हैं। शिकायत की कॉपी राज्यपाल कलराज मिश्र, संभागीय आयुक्त, राजस्व विभाग के अधिकारी, कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार को भी भेजी गई है।
पार्षद अर्चना ब्रजेश ने बताया कि कस्बे में बिजलीघर के पीछे, चेंकोरा रोड, बाईपास के पास चंबल परियोजना की सड़क किनारे, सिरसोन्दा रोड, काला पठ्ठा की तरफ, भिडियानी की तरफ, रेलवे लाइन पुल के नीचे, तेज नगर रोड़ पर खेतों में बिना भू- उपयोग परिवर्तन कराए ही कृषि कॉलोनी पर आवासीय कॉलोनियां काट दी गई हैं, जो कि कानूनन गलत है। इन कॉलोनियों में ओम नगर, विनायक नगर, श्याम कुंज, लीला श्याम नगर, गणेश नगर, गायत्री नगर, श्याम नगर, गिर्राज नगर फेज 1, 2, 3 आदि हैं। बिजलीघर के पीछे अधिकांश जमीन चेंकोरा ग्राम पंचायत की है। उसमें नगरपालिका ने ग्राम पंचायत की एनओसी लिए बिना ही सड़क डाल दी है।
शहर के लोगों में आक्रोश इसलिए है क्योंकि नगरपालिका ने कस्बे के विकास कार्यों का पैसा भू-माफिया को फायदा पहुंचाने के लिए खेती की जमीनों पर काटी गई कॉलोनियों में दिया है। जबकि वहां अभी इतनी आबादी भी नहीं है।इसलिए इस मामले की गहराई से जांच कराए जाने की जरूरत है।तहसीलदार अमित शर्मा का कहना है कि बैकडेट में हुई स्टाम्प पेपरों पर खरीद फरोख्त की राज्य सरकार से आग्रह करके डीआईजी स्टाम्प की निगरानी में उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाकर जांच कराई जाएगी। ताकि सच्चाई सामने आ सके। जांच रिपोर्ट के अनुसार संबंधित लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।