जाम्भाणी हरिकथा चैनपुरा के दौरान पर्यावरण सेवकों ने समाज को दिया नशा व जूठन मुक्त भोजन का संदेश
भीषण गर्मी में श्रद्धालुओं को तांबे के लोटों से जलपान कराकर दिलाई नशा नहीं करने की शपथ
भीलवाड़ा : राजकुमार गोयल
धोरीमन्ना:- उपखंड के श्री जम्भेश्वर भगवान मंदिर चैनपुरा धाम में आयोजित संगीतमय जांभाणी हरिकथा के दौरान कोशिश पर्यावरण सेवक टीम सांचौरी-मालाणी के पर्यावरण सेवकों ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर भव्य पर्यावरण प्रदर्शनी, नशामुक्त मानव हेतु जनजागरूकता अभियान, सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति हेतु अभियान, अन्नदेव का जूठन नहीं छोङने हेतु जनजागरूकता अभियान,बेटी-बचाओ बेटी पढ़ाओ,बेटा बचाओ अभियान,बालविवाह व मृत्यु भोज बंद हो जैसे बहुआयामी मुहिम को लेकर लोगों के बीच पहूंची और श्रद्धालुओं को तांबे के कलश से जलपान कराकर बुराइयों को त्यागने का संकल्प दिलवाया। टीम के सह-प्रभारी व स्टेट अवार्डी शिक्षक जगदीश प्रसाद विश्नोई ने जानकारी दी कि कोशिश पर्यावरण सेवक टीम यहां प्रभारी व वरिष्ठ पर्यावरण सेवक किशनाराम बांगङवा के नेतृत्व में भीषण गर्मी में मन एक सपना लिए निस्वार्थ भाव से सेवा देने पहूंची कि मानव को नशामुक्त व धरती मां को सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त किया जाए और धरती पर अधिक से अधिक पेङ लगाया जाये व भोजनशाला को जूठन मुक्त किया जाए।बहुआयामी मुहिम के प्रेरणास्रोत अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणविद खमुराम बिश्नोई जोधपुर की सोच तहत हम लोगों को जोङने के लिए विभिन्न सामाजिक समारोह स्थल पर पहूंच निशुल्क रूप से सेवा देते हैं और जनजागरुकता के लिए प्राचीन भारतीय संस्कृति को पुनर्जीवित करने हेतु समारोह में पूरे दिन लोगों को तांबे के बर्तनों से जलपान कराते हैं व भोजनशाला में भोजन का जूठन नहीं छोङे इसके लिए लोगों को अन्नदेव का महत्व समझाते हैं व समारोह स्थल को पर्यावरणमय बनाने हेतु भव्य पर्यावरण संरक्षण प्रदर्शनी लगाते हैं ताकि लोग पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक हो सके और धरती मां को प्रदूषित होने से बचाया जा सके।चैनपुरा में आयोजित हरिकथा के दौरान पर्यावरण सेवकों द्वारा शुरू की गई मुहिम की साधु संतों व श्रद्धालुओं ने प्रशंसा की व जागरुकता के लिए सही कार्य बताया।इस दौरान पर्यावरण सेवक किशनाराम बांगङवा, मोहनलाल कावां, बुधाराम कावां, गुङामालनी के लेक्चरर अरमान कङवासरा, रामेश्वर कङवासरा,शिक्षक बाबुलाल,लक्ष्मी,अंजलि काकङ, श्रीराम ढाका, शिक्षक जगदीश गोदारा सहित कई पर्यावरण सेवकों ने अपनी सेवा देकर सभी को प्रेरित किया।