गोविंदगढ़ नगरपालिका के वार्डो का सीमांकन 10 जुलाई तक, गोविन्दगढ़-रामबास का एक साथ परिसीमन कराने की उठी मांग
गोविन्दगढ़,अलवर
गोविंदगढ़ कस्बे में पूर्ववर्ती कोंग्रेस सरकार के द्वारा बनाई गई गोविन्दगढ़ नगरपालिका सहित 16 नगरपालिकाओ के सीमांकन प्रस्ताव 10 जुलाई तक तैयार करने होंगे। और प्रत्येक वार्डो का परिसीमांकन प्रस्ताव राज सरकार से अनुमोदित करना जरूरी है पालिकाओं में जनसंख्या के आधार पर निर्धारित वार्डो का परिसीमांकन करना है परिसीमांकन के दौरान प्रस्ताव तैयार करना इन प्रस्तावों की जांच करना और उसके बाद वार्डो का प्रारंभिक प्रकाशन करना होगा वार्ड प्रस्तावो पर दावे आपत्तियां प्राप्त कर उनका निपटारा करना और राज्य सरकार से अनुमोदन करने के बाद वार्डो को अंतिम रूप देकर राजपत्र में प्रकाशित करने की सभी कार्यवाहियां नियम अनुसार निर्धारित समय में करनी होगी।
लेकिन गोविंदगढ़ नगरपालिका क्षेत्र में केवल गोविंदगढ़ कस्बे को ही सम्मिलित किया गया है जहां गोविंदगढ़ कस्बे की काफी जनसंख्या रामबास ग्राम पंचायत में निवास करती है और यहां क्षेत्रवासियों की गोविंदगढ़ और रामबास ग्राम पंचायत को मिलाकर नगरपालिका बनाए जाने की मांग की गई थी लेकिन कांग्रेस सरकार के द्वारा केवल गोविंदगढ़ को ही नगरपालिका में शामिल किया गया। जबकि रामगढ़ ,लक्ष्मणगढ़ ,कठूमर ,बड़ौदामेव ,नौगांवा सहित अन्य नगर पालिकाओं में आसपास के कामों तक को शामिल किया गया है। यहां राजनीति के चलते सभी नेता आपना - अपना स्वार्थ देख रहे है। और जिसका खामियाजा यहां की जनता को उठाना पड़ रहा हैं।
रिटायर्ड वरिष्ठ अध्यापक कमलेश चन्द शर्मा ने बताया कि रामबास और गोविन्दगढ़ को एक साथ मिलाए बिना नगर पालिका की परिकल्पना नहीं की जा सकती है क्योंकि जहां वर्तमान में नगरपालिका कार्यालय संचालित है लगभग वहां तक रामबास ग्राम पंचायत की सीमा लग रही है और ऐसे में एक ही क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों के साथ दोहरा व्यवहार यहां पर किया जा रहा है। जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र , पशु चिकित्सालय पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक, बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, रोडवेज बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन आदि रामबास ग्राम पंचायत की सीमा के अंदर संचालित हैं।
रिटायर्ड ग्राम उद्योग प्रसार अधिकारी शक्तिधर भारद्वाज ने बताया कि गोविंदगढ़ कस्बे की 11,552 जनसंख्या के आधार पर ही यहां परिसीमन कर वार्ड बनाए जा रहे हैं जबकि रामबास ग्रामपंचायत को इसमें शामिल नहीं किया जा रहा है जो कि न्याय संगत नहीं है जबकि पूर्व में निर्मला भारद्वाज जब सरपंच थी तब प्रस्ताव बनाकर इसका अनुमोदन किया गया था और गोविंदगढ़ रामबास दोनों ग्राम पंचायत ने सहमति प्रदान की थी और एक नगर पालिका बनाए जाने की मांग की गई थी लेकिन अब यहां पर पक्षपात पूर्ण रूप से कार्य कर केवल गोविंदगढ़ का ही परिसीमन कर नगरपालिका के वार्डो का गठन किया जा रहा है। जो की पूर्ण रूप से गलत है ।