गुभाना में राजा राममोहन राय की जयंती पर किया नमन
गुभाना,हरियाणा
गुभाना गाँव के लोकहित पुस्तकालय में महान समाज सुधारक राजा राममोहन राय जी की जयंती मनाई गई समिति अध्यक्ष नरेश कौशिक ने उनके जीवन पर डालते हुए कहा कि राजा राममोहन राय ने ब्रह्म समाज की स्थापना की थी उन्होंने 1828 में ब्रह्म समाज की नीम रखी थी इसी से ब्रह्म समाज का जन्म हुआ था उनका जन्म 22 मई 1772 को हुआ था जबकि 26 सितंबर 1833 में उनकी मृत्यु हो गई थी राजा राममोहन राय हिंदू धर्म में शामिल धार्मिक सामाजिक राजनीतिक कृतियों को खत्म करने के लिए कई आंदोलन चलाएं इनका सामाजिक राजनीतिक और धार्मिक जीवन के अलावा एजुकेशन के क्षेत्र में अच्छा खासा प्रभाव था इन्होंने सती प्रथा को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई थी मार्क्सवादी इतिहासकार इन्हें भारतीय नवजागरण का पिता कहते हैं इन्होंने अपने जीवन में तीन शादियां की एक पत्नी की मृत्यु जल्दी हो गई थी जबकि दूसरी पत्नी का 1824 में निधन हो गया था उनकी तीसरी पत्नी इनके बाद भी जिंदा रही 1830 में राजा राममोहन राय मुगलों के दुत बनकर यूके गए थे ताकि लॉर्ड विलियम बेंटिक का बंगाल सती प्रथा पर बैन लगाता है राजा राममोहन राय पहले पढें लिखे हिन्दू थे जिन्होंने यूके की यात्रा की मस्तिष्क ज्वर के कारण सितम्बर 1833 मैं इंग्लैंड के ब्रिस्टल मैं उनकी मृत्यु हो गई और उन्हें वही अनोरस वेले सेमेटी में दफना दिया गया इस अवसर पर फूल कुमार प्रदीप भोला बिट्टू हरि ओम राकेश सोनू सुदेश कौशिक सुरेश भारद्वाज आदि मौजूद रहे