अलवर यार्ड के पास मालगाड़ी के 3 डिब्बे पटरी से उतरे: ट्रेनें अधिक प्रभावित नहीं
अलवर रेलवे जंक्शन से 3 किमी की दूरी पर आधी रात हुआ रेल हादसा
अलवर रेलवे जंक्शन से करीब 1.5 KM और अलवर यार्ड से करीब 300 मीटर दूरी पर मथुरा-अलवर ट्रैक पर मालगाड़ी के 3 वैगन रात करीब ढाई बजे पटरी से नीचे उतर गए। यह घटना यार्ड से फर्टिलाइजर खाली करके निकलने के करीब 2 मिनट बाद ही हो गई। यार्ड से केवल 300 से 400 मीटर दूर ही मालगाड़ी पहुंची थी। तभी पटरी से उतर गई। रात को ही रेलवे के अधिकारी व कर्मचारी मौके पर पहुंच गए। सुबह करीब 9.30 बजे तक रिलीफ का काम जारी था।
200 अधिकारी व कर्मचारी लगे- ADRM ने बताया कि मालागाड़ी अलवर यार्ड की तरफ से आ रही थी। अचानक मालगाड़ी के तीन वैगन पटरी से उतरे। उसके तुरंत बाद जयपुर, अलवर व आसपास की टीमें पहुंच गई थी। अभी जांच पूरी चल रही है। उसके बाद पटरी से उतरने के कारणों का पता चल सकेगा। अभी रिलीफ में 150 से 200 से अधिक कर्मचारी अधिकारी लगे हुए हैं। यहां ब्रांच ऑफिसर, सिग्नल, इंजीनियरिंग सेक्शन के सब तुरंत पहुंच गए थे।
एडीआरएम ने बताया कि इस ट्रैक पर रात को कोई गाड़ी नहीं थी। इस कारण ट्रेनों का रूट बदलने की जरूरत नहीं पड़ी। सुबह करीब साढ़े 9 बजे मेला एक्सप्रेस ट्रेन के आने का शिड्यूटल है। उसे लेने की तैयारी है। तब तक ट्रैक को दुरुस्त करने के प्रयास तेजी से जारी हैं। वैसे इस ट्रैक के कारण ट्रेनों पर कोई असर नहीं पड़ा है। न किसी तरह का कोई नुकसान हुआ है।
मालगाड़ी के तीनों डब्बों को अभी क्रेन की मदद से रेलवे ट्रैक से हटकर साइड में खाली जगह पर रखवा दिया गया है. मामले की जानकारी मिलते ही जयपुर से रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचे. इसके अलावा रेलवे की पूरी टीम घटनास्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हुई है. रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि अलवर माल गोदाम में माल उतारने के बाद मालगाड़ी खाली थी. मालगाड़ी के डिब्बे को अलवर जंक्शन पर ले जाया जा रहा था. इस दौरान यह हादसा हुआ. अलवर से यह मालगाड़ी रेवाड़ी जानी थी.
अलवर जंक्शन पर जमा है हजारों यात्री - गोवर्धन में गुरु पूर्णिमा को परिक्रमा लगाने के लिए लाखों लोग जाते हैं. अलवर में आसपास क्षेत्र से लाखों की संख्या में श्रद्धालु गोवर्धन जाते हैं. ऐसे में अलवर जंक्शन पर दो दिनों से हजारों यात्री गोवर्धन मथुरा के लिए सफर कर रहे हैं. इस समय भी हजारों की संख्या में यात्री अलवर जंक्शन पर मौजूद हैं. रेलवे की तरफ से यात्रियों के लिए कोई खास इंतजाम नहीं किए गए हैं और यात्री ट्रेनों में लटक कर अपनी जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे हैं.