नगर पालिका लक्ष्मणगढ़ सहित क्षेत्र समस्याओं से ग्रस्त
लक्ष्मणगढ़ (अलवर) कमलेश जैन
कस्बे के जागरूक नवयुवक इमरान खेलदार ने नगर पालिका प्रशासन की लापरवाई पर गहरा रोष व्यक्त कर बताया कि स्वच्छ लक्षमणगढ हरित लक्षमणगढ यह मात्र स्लोगन हैं। नगर पालिका क्षेत्र कस्बे सहित ग्रस्त है। पिछले चार सालो मे एक भी पेड लक्षमणगढ नगर पालिका क्षेत्र मे (पला )बडा नही हुआ है। पेडो का अभियान कागजो की पूर्ति मे ही होता है । नगर पालिका प्रशासन जमीनी स्तर पर ना तो इनका रख रखाव रखते है। ओर ना ही कभी इनकी देखभाल करते है। जो पुराने पेड हैं उनको बन्दर लगातार तोड रहे है। कस्बे के नागरिकों द्वारा बंदर पकड़वाए जाने के लिए बार-बार लिखित में मांग कर चुके हैं। लेकिन आज तक कोई निदान नहीं हुआ है ।बन्दर पर्यावरण के सबसे बडे दुश्मन हैं ।जो पेड पोधो को लगने नहीं देते हैं। एक ओर जलवायु परिवर्तन से इस समय पूरी दुनिया झूझ रही हैं। लगातार तापमान मे बढोतरी हो रही हैं ।बगैर पेड पॊधो के इससे राहत नहीं मिलेगी । सरकार ज्यादा से ज्यादा पेड पोधो के लगाने व रख रखाव के लिए पूरी तरह जोर दे रही हैं। लेकिन नगरपालिका के अधिकारीयो का इस पर कोई ध्यान नहीं है। कस्बे के पर्यावरण प्रेमी पेड पॊधे लगा रहे है। वहीं बन्दर इन को तोड रहे है। मानसून के समय पेड पोधे सर्वाधिक ग्रोथ करते हैं।
स्वच्छ लक्षमणगढ की बात करे तो ना तो यहा बारिश के पानी निकासी की कोई समुचित व्यवस्था है। ओर न ही गंदे पानी की। आवारा पशु पूरे कस्बे मे आतंक फैलाए हुए हैं। आवारा पशुओं से अनेकों बार दोपहिया वाहन चालको को दुर्घटनाग्रस्त होते देखा गया है। कितने पेड हैं जो बन्दरो के द्वारा तोडे जा रहे हैं। बन्दरो द्वारा स्कूल जानेवाले बच्चो पर हमला हो चुका है। बन्दरो की तादाद कस्बे मे बहुत ज्यादा हो गयी हैं। बंदर पक्षियों के घोसलो को भी तोड देते है या फिर उनके अण्डो को खा जाते हैं। बन्दरो का इतना आतंक है की मोर भी अब दूर खेतो मे निवास कर रहे हैं। नगर पालिका प्रशासन की घोर लापरवाही से क्षेत्र के लोग त्रस्त है।