टाइगर ST-2303 फिर सरिस्का से आया बाहर मुंडावर में 5 युवकों पर किया हमला
अलवर जिले के सरिस्का टाइगर रिजर्व से एक बार फिर टाइगर ST 2303 बाहर आ गया है। बाहर आते ही टाईगर ने मुंडावर उपखंड के समीपवर्ती गांवों में 5 युवकों पर हमला कर दिया।आज सुबह करीब 5 बजे एक युवक पर हमला कर दिया। हमले के दौरान बाइक की रोशनी पड़ते ही टाइगर भागा और युवक की जान बची।इसके बाद तीन और युवकों पर हमला किया। टाइगर के कारण दरबारपुर अहीर भघोला और बासनी सहित आस-पास के ग्रामीणों में दहशत है। दरबारपुर के स्कूलों में भी छुट्टी कर दी गई है।इसी टाइगर ने 7 महीने पहले कोटकासिम क्षेत्र में एक किसान पर हमला किया था,जिसमें दो वनकर्मी घायल हुए थे। सुबह करीब 10 बजे टाइगर के पगमार्क दरबारपुर गांव में देखे गए। मौके पर किशनगढ़बास रेंजर सीताराम मीणा मुंडावर वनपाल सुशीला सहित सरिस्का की टीम टाईगर को तलाश रही है।
- भघोला गांव की सड़क पर किया हमला
बासनी गांव का रहने वाला विकास कुमार आज सुबह करीब 5 बजे ट्रेन से आया था। उसने अपने भाई को बाइक लेकर रेलवे स्टेशन उसे लेने बुलाया था। भाई का इंतजार करते हुए वह रोड पर पैदल ही निकलने लगा।इस दौरान अहीरभगोला गांव के रोड पर अचानक टाइगर ने उस पर हमला कर दिया। सामने से आ रहे भाई की बाइक की लाइट देखकर टाइगर भाग गया
टाइगर के हमले से विकास की एक भुजा पर घाव है और पीठ पर निशान हैं।युवक पर हमले के बाद टाइगर पास के गांव दरबारपुर की तरफ गया।करीब 11 बजे सतीश (45) पुत्र जगदीश, बीनू (30) पुत्र धर्मपाल और महेंद्र (33) पुत्र रामकिशन।सतीश के सबसे ज्यादा घाव है। छाती और हाथ के नीचे घाव आए हैं। महेंद्र के भी सीने पर घाव है। बीनू के हाथ के नीचे घाव है। तीनों को मुंडावर से अलवर रेफर किया गया है।
- स्कूल से बच्चों को भेजा घर
दरबारपुर सरपंच वीर सिंह ने बताया- टाइगर के कारण गांव के लोग डरे हुए है। सरकारी स्कूल की छुट्टी कर दी गई है।बच्चों को गाड़ी में घर भेजा है। कपास के खेतों में टाइगर दिखा है। ग्रामीणों को खेतों से दूर किया गया है।
- 7 महीने पहले जंगल से निकलकर गया था रेवाड़ी
7 महीने पहले भी ये टाइगर जंगल से निकलकर रेवाड़ी तक चला गया था। उस समय हरियाणा बॉर्डर के आस-पास गांव में वनकर्मियों पर हमला कर दिया था। जिसमें एक वनकर्मी को टाइगर ने दबोच लिया था लेकिन वह बच गया था। वहीं फॉरेस्टर बेहोश हो गया था। उससे पहले कोटकासिम के पास एक किसान पर हमला किया था। उसके बाद टाइगर वापस जंगल से खेतों में पहुंच गया है।खेती बड़ी होते ही जंगल से बाहर खेत में पहले सरसों व गेहूं की खेती खड़ी थी। तब टाइगर बाहर निकला था। अब बाजरे की खेती खड़ी है। इस कारण टाइगर निकल गया। अब बाजरे के खेतों में टाइगर को वनकर्मियों की टीम खंगालने में लगी है।
- देवराज मीना की रिपोर्ट