लोहार्गल गणेश मंदिर परिसर में भंडारे की धूम , जगह-जगह सामाजिक संगठनों द्वारा लगाए जा रहे हैं भंडारे
उदयपुरवाटी (सुमेर सिंह राव)
निकटवर्ती धार्मिक तीर्थ स्थल लोहार्गल की 24 कोसीय परिक्रमा के दौरान विभिन्न समाज व संस्थाओं द्वारा जगह जगह भंडारे का आयोजन होता रहा है,जानकारी लेने पर बताया जाता है की मेले के दौरान हम कई वर्षो से भंडारा लगाते आए हैं। ऐसे ही एक सवाल के जवाब में ललित ने बताया की हम पिछले 13 सालो से गणेश मंदिर परिसर में भंडारा लगाते आए हैं।यह भंडारा गोगानवमी के दूसरे दिन से शुरू होकर अमावस्या तक चलता है।मुख्य राह के बीच में होने से राहगीर और परिक्रमार्थी इस भंडारे से अधिक लाभान्वित होते हैं।दोपहर के समय में तो यहां धूम सी मची रहती है क्योंकि बैठने और जलपान की यहां माकूल व्यवस्था रहती है, इसलिए थका मंदा राहगीर सुस्ताने की खातिर रुक ही जाता है। दूसरी तरफ देखें तो सेवा देने वालो की भी यहां कमी नहीं रहती है,चाय नाश्ता नींबू पानी के अलावा यहां चिकित्सा सुविधा भी मुहैया हो जाती है। कुल मिलाकर मेले के दौरान मेलार्थियों को जमावड़ा यहां सबसे ज्यादा दिखाई देता है क्योंकि सारी सुविधा एक जगह मिल जाती है।
एक सवाल के जवाब में समिति के सचिव अमोलक पारमुवाल ने बताया की मेले के दौरान हमारी समिति हर पहलू को देखते हुए सजग रहकर सेवा देती है और मेले से पहले ही सबको काम की जिम्मेदारी भी बांट दी जाती है, ताकि हर काम सिस्टम से हो, और मेलार्थियों को तनिक भी परेशानी यहां पर ना हो। बात करे यहां पर लगाने वाले भंडारे की तो वर्षों से प्रगतिशील कुमावत समिति के तत्वावधान में श्री नाथ सेवा मंडल रतनगढ़ की ओर से भंडारा लगाया जाता है तथा 3 दिन के लिए घर जैसा खाना( रोटी सब्जी दाल चावल) और एक मिठाई का पीस जीमण में परोसा जाता है,खाना खाने के बाद भरपूर की सी अनुभूति होती है। हर बार यहां पर सेवा देने के लिए जयपुर के प्रकाश प्रजापति मेले के आठ दस दिन पहले ही यहां आ जाते हैं और गणेश चतुर्थी के बाद ही प्रस्थान करते हैं। हर बार उनके साथ दो तीन जने जरूर आते हैं।
श्री नाथ सेवा मंडल के इंदरनाथ जी महाराज ने बताया की हमारा मिठाई पर कम, देशी भोजन पर ज्यादा जोर रहता है।नास्ते में जरूर चट पटी चीज खाने को देते हैं।भोजन भारी न पड़े इसके लिए हम सब्जी का विशेष चयन करते हैं। सुखी सब्जी व कोला पेठा की सब्जी को ज्यादा महत्व दिया जाता है।इस मंडल के करीब 50 जने सेवा दे रहें है l