आवारा मवेशी बन रहे आफत, लोग परेशान
लक्ष्मणगढ़ (अलवर) कमलेश जैन
शहर में आवारा पशुओं की भरमार होने से लोग खासे परेशान हो रहे हैं। मुख्य मार्ग हो या बाजार वार्डों की गलियां हर जगह आवारा पशु विचरण करते नजर आते हैं। इन बेखौफ आवारा पशुओं की लड़ाई में राहगीरों के चपेट में आनेे के साथ ही आवागमन भी बाधित होता है। खास कर बुजुर्गों एवं बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। लेकिन इन सब के बीच नगरपालिका इन आवारा जानवरों की समस्या से निपटने के लिए कोई खास कवायद करती नजर आ रही है।
दूध दुहकर करते किनारा
पशु पालक जब गाय दूध देना बंद कर देती है या सुबह दूध निकाल कर शहर की गलियों मेें छोड़ देते हैं। ये सडक़ों पर फलों के छिलके व सड़ी-गली सब्जियां खाकर यही इधर-उधर मुंह मारते फिरते हैं। शहर की सब्जी मंडी में इन मवेशियों का इतना खौफ है कि लोग बेहद चौकन्ने होकर ही सब्जी मंडी का रुख करते हैं। थोड़ी सी नजर हटते ही ये या तो सामान का थैला छीन लेते हैं या फिर पीछे से सींग मारते हैं। यह नजारा सब्जी बिक्री मंडी, किले रोड, मेंन बाजार पुलिस चौकी के पीछे बस स्टैंड आम है।
आए दिन होते हैं हादसे
आवारा पशुओं के आतंक से राहगीर व स्थानीय निवासी ही परेशान नही हैं बल्कि ये स्वयं भी आए दिन शहर के कई हिस्सों में खुल पड़े नालों व सूखे कुओं आदि में गिरकर चोटिल होते रहते हैं। पूर्व में नगर इलाके मेें एक गोवंश नाले में गिर कर चोटिल हो गया। सूचना पर पहुंचे गो सेवकों ने गोवंश को नाले से निकाल कर उपचार कराया।
सडक़ों व चौराहों पर जमावड़ा
शहर की सडक़ों व चौराहों पर आवारा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है। रात्रि के समय गायें सडक़ों व चौराहों पर झुण्ड के रूप में बैठ जाती हैं। इसके चलते दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। वहीं इनके सडक़ों व चौराहों पर झुण्ड के रूप में बैठने से गंदगी भी फैलती है, जो कि सफाई कर्मियों व स्थानीय रहवासियों के लिए परेशानी का सबब बनती हैं।
बीमारियों को दावत
शहर के कई हिस्सों व कॉलोनियों में लोग पशु पाल रहे हैं। इन पशुपालकों द्वारा मवेशियों के गोबर आदि अपशिष्ट पदार्थों को यहां वहां खाली भूखंड़ों या सडक़ किनारे डाल दिया जाता है। इसके चलते यहां मच्छर-मक्खियां पनपने से लोग बीमार होने का अंदेशा बना रहता है। साथ ही यहां का वातावरण भी प्रदूषित होता है।
कानूनी रूप से दंड का प्रावधान
पशु कू्ररता निवारण अधिनियम एवं खाद्य सुरक्षा अधिनियम में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि यदि कोई व्यक्ति किसी पशु को आवारा छोड़ कर जाता है तो उसको दंडित किया जा सकता है। साथ ही नगरपालिका क्षेत्र में आवारा विचरण करने वाले पशुओं की समस्या से लोगों को निजात दिलाने की जिम्मेदारी नगरपालिका प्रशासन की बनती है। इसके लिए सरकार की ओर से विभाग को धन राशि भी मुहैया कराई जाती है।
बोले लोग
सब्जी मंडी में आवारा पशुओं की समस्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। यहां एक हाथ में सब्जी तो दूसरे हाथ में डराने के लिए डंडा लिए लेकर चलना पड़ता है। जरा नजर हटते ही ये आवारा पशु सब्जी में मुंह मारकर नुकसान कर देते हैं।
– लोकेश प्रजापत, सब्जी विक्रेता
आवारा जानवरों के खौफ से न केवल राहगीर बल्कि दुकानदार भी परेशान रहते हैं। इनके द्वारा आए दिन किसी न किसी ग्राहक या राहगीर को सींग मार कर चोटिल कर दिया जाता है। साथ ही ग्राहकों के थैले आदि में मुंह मार कर सामान को फैला देते हैं। यहां आवारा पशुओं की लड़ाई बीच सड़क पर होने से लोग चोटील भी हो चुके हैं। इन आवारा जानवरों के संदर्भ में उचित व्यवस्था करनी चाहिए।
– हेमंत साहू स्थानीय दुकानदार