राजस्थान में मोबाइल वेटरिनरी यूनिट योजना: मोबाइल पशु चिकित्सा सेवा वाहन सुविधा से पशुपालकों होंगे लाभांवित
राजस्थान सरकार मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पशुपालकों की सुविधा के लिए पशुपालन विभाग के माध्यम से मोबाइल वेटरिनरी यूनिट कॉल सेंटर 1962 की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य बीमार पशुओं के इलाज को सरल और सुलभ बनाना है। संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग, हवा सिंह जाट ने बताया की यह कॉल सेंटर प्रतिदिन सुबह 8:30 से शाम 4:30 बजे तक कार्यरत रहेगा।
- सेवाएँ और संचालन
मोबाइल वेटरिनरी यूनिट्स का संचालन प्रतिदिन सुबह 9 से शाम 5 बजे तक किया जाएगा। पशुपालक हेल्पलाइन नंबर 1962 पर निःशुल्क कॉल करके अपनी समस्या बता सकते हैं, जिसके बाद मोबाइल पशु चिकित्सा सेवा वाहन उनके घर जाकर बीमार पशुओं का निःशुल्क चिकित्सा कार्य करेगा।
- कैंप और लाभ
संयुक्त निदेशक हवा सिंह जाट ने बताया कि जिले में 4 मोबाइल पशु चिकित्सा सेवा वाहन 24 फरवरी 2024 से नियमित रूप से संचालित हैं।कॉल करने पर सीएसओ पशुपालक का नाम, गांव तथा पशु में रोग के लक्षण की जानकारी लेकर एक टिकट बनाएगा। फिर एक टैक्स्ट मैसेज पशुपालक व संबधित पशु चिकित्सक को भेजा जाएगा। इसके बाद संबधित मोबाइल वैन उस पशु के उपचार को रवाना होगा। वैन में एक पशु चिकित्सक, एक पशुधन सहायक, पर्याप्त मेडिसिन व चिकित्सा उपकरण सहित वाहन चालक मौजूद रहेगा। जिले के सभी ब्लॉक मुंडावर, कोटकासिम, किशनगढ़बास, तिजारा में उपलब्धता सुनिश्चित होने से पशुओं में संक्रामक रोगों से समय पर बचाव हो सकेगा। जिले में जिन गावों में पशुचिकित्सा संस्थान नहीं है उन सभी गांव में पूर्व से ही वेन समय-समय पर कैंप लगाकर पशुपालकों के पशुओं का इलाज किया जा रहा था।
- तकनीकी पहल
मोबाइल वेटरिनरी यूनिट पर जीपीएस और मोबाइल डिवाइस पर आधारित एप्लिकेशन की मदद से ट्रैकिंग कॉल सेंटर जयपुर द्वारा की जाएगी। इस तकनीकी पहल से सेवा की गुणवत्ता और पहुंच में वृद्धि होगी। यह योजना राजस्थान के पशुपालकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे न केवल पशुओं का स्वास्थ्य बेहतर होगा, बल्कि पशुपालकों को भी सुविधा मिलेगी। पशुपालक अब से हेल्पलाइन नंबर 1962 पर कॉल करके मोबाइल पशु चिकित्सा सेवा का लाभ ले सकते हैं।