बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा मनाया
लक्ष्मणगढ़ (अलवर )दशहरा का त्योहार असत्य पर सत्य की जीत और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। आज ही के दिन 10 दिन से चलने वाले युद्ध में मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था। और भगवान राम ने रावण का अंत करके लंका पर विजय प्राप्त की थी। इस वजह से इस दिन शस्त्र पूजा, दुर्गा पूजा, राम पूजा और शमी पूजा का महत्व है। मान्यता के अनुसार दशहरा के दिन दिन जो कार्य शुरू किया जाता है उसमें जीत अवश्य मिलती है।
दशहरे पर कस्बे सहित उपखंड क्षेत्र में कई जगहों पर रावण दहन किया किया गया। हनुमान मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की गई। कस्बे के मोहल्ले में बच्चों द्वारा रावण का प्रतीक बनाकर दहन किया गया । दशहरा त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना गया है। दशहरा पर्व को बड़े ही उत्साह के साथ क्षेत्र में मनाया गया। दशहरा का पर्व अधर्म पर धर्म और बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया गया।
इधर कस्बे में श्री राजपूतसभा लक्ष्मणगढ़ द्वारा दशहरा उत्सव पर्व पर शस्त्रपूजन कार्यक्रम आयोजित किया गया । जिसमें सभी राजपूत सरदारो ने माँ भवानी पूजन किया। राजा साहबअशोक सिंह जावली ,राजपूतसभा अघ्यक्ष विक्रमसिंहनरूका,अखिल भारतीयक्षत्रिय महासभा अघ्यक्ष हरिओमसिंह नरूका राजपूत करणीसेना पूर्वजिलाअघ्यक्ष भूपेन्द्रसिंह लीली ,करणीसेना तहसीलअध्यक्ष विजय सिंह चौहान, जतन सिंह नरूका रघुवीर सिंहनरूका खोहरा भंवरसिंह गौड महामंत्री दशरथ सिंह ,गिराज सिंह राघव ,राजेश सिह राघव ,रामसिंह मौजपुर आदि मौजूद रहे।
- कमलेश जैन