मोहम्मद रफ़ी के 100 वां जन्म दिवस पर स्वरांजली 22 को
खैरथल (हीरालाल भूरानी) इन्डिया इंटरनेशनल म्यूजिक लवर्स सोसायटी द्वारा मोहम्मद रफ़ी के 100 वां जन्म दिवस पर 22 दिसंबर को स्वरांजली कार्यक्रम रखा गया है । संस्थापक मुख्य संरक्षक डॉ लाल थदानी और संस्था महासचिव कुंज बिहारीलाल ने जानकारी देते हुए बताया कि संस्था द्वारा मिले सुर मेरा तुम्हारा की अनवरत चलती आ रही 65वीं कड़ी में उक्त कार्यक्रम रखा गया है। अध्यक्ष गणेश चौधरी और सांस्कृतिक सचिव रश्मि मिश्रा ने बताया कि 40 सदस्यों द्वारा एकल और युगल गीतों के माध्यम से लता लख्यानी और अशोक दरयानी द्वारा रफ़ी साहब की जीवनी पर भी प्रकाश डाला जाएगा ।
उल्लेखनीय है कि मोहम्मद रफ़ी (24 दिसंबर 1924-31 जुलाई 1980) 1940 के दशक से आरंभ कर 1980 तक इन्होने कुल 5,000 गाने गाए। इनमें मुख्य धारा हिन्दी गानों के अतिरिक्त ग़ज़ल, भजन, देशभक्ति गीत, क़व्वाली तथा अन्य भाषाओं में गाए गीत शामिल हैं। नौशाद साहब के संगीत निर्देशन में मोहम्मद रफ़ी का आखिरी गाना अली सरदार जाफरी द्वारा लिखित फिल्म "हब्बा खातून" के लिए था। गाने के बोल थे -'जिस रात के ख्वाब आए वह रात आई' । इस गाने के बाद मोहम्मद रफ़ी साहब नौशाद साहब के गले लिपटकर रो पड़े थे, उन्होंने उनसे कहा था - "नौशाद साहब एक मुद्दत बाद एक अच्छा गीत गाया। इस गाने के लिए उन्होंने मुआवजा नहीं लिया ।