इंसान- इंसान के काम आए यही धर्म का सार

लक्ष्मणगढ़ (अलवर/ कमलेश जैन) श्वेतांबर जैनगुरूणी महाराज साहब कैलाशवती जी की सुशिष्या संघ शक्ति प्रभाजी, सोमाजी, संचिता जी अक्षिता जी, रक्षिता जी, समीक्षा जी, दक्षता, देवांशी ललिता, राजश्री जी, सरजना जी, अशीमा जी, महाराज साहब का सघ प्रातः मौजपुर से बिहार कर क्षेत्र के हरसाना ग्राम पहुंची। जैन समाज के अध्यक्ष भीकम जैन ने बताया कि हरसाना पहुंचने पर जैन समाज के लोगों ने अगवानी की एवं आशीर्वाद प्राप्त किया। दोपहर महावीर भवन में अपने प्रवचनों के दौरान महाराज साहब शक्ति प्रभाजी ने कहा कि हमें अपनी आत्मा की ओर दृष्टि रखनी चाहिए और अपने भीतर की चेतना को जागृत कर चित् की धरा को मोड़ने की आवश्यकता है। वह अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश में उन्नति इतनी हुई है कि हजारों किलोमीटर दूर बैठे इंसान को देख और सुन सकते हैं। लेकिन पतन इतना हुआ है कि पास बैठे इंसान का दुख दर्द और तकलीफ तक दिखाई नहीं देती। इंसान -इंसान के दुख दर्द में काम आए यही धर्म का सार है। प्रवचनों के बाद महाराज साहब के संघ ने विचगांवा के लिए बिहार किया। इस मौके पर हरसाना जैन समाज के दिनेश चंद जैन राजेंद्र जैन निशु लालाराम प्रहलाद नरेंद्र हरि ओम सरोज अनीता बीना पारुल मयंक आसन नेहा राशि उर्मिला गिरनारी आदि महिला पुरुष उपस्थित थे।






