घायल वन्यजीव को प्राथमिक उपचार के बाद पहूंचाया वन्यजीव संरक्षण संस्थान कातरला

भीलवाड़ा (राजकुमार गोयल) धोरीमन्ना उपखण्ड के पाबूबेरा गांव में श्वानों ने वन्यजीव हिरण को अपने चंगुल में लेकर काफी घायल कर दिया।पर्यावरण प्रेमी व स्टेट अवार्डी शिक्षक जगदीश प्रसाद विश्नोई ने जानकारी दी कि पाबूबेरा गांव में ढाणियों के बीच तीन-चार श्वानों ने हिरणों का पीछा कर एक मादा हिरण को अपने चंगुल में फंसा लिया तब उनके रोने की आवाज सुनकर सेवानिवृत्त शिक्षक माधाराम जाणी व आप-पास के लोग दोङे और आवाज लगायी तो कुत्ते मादा हिरण को छोड़कर भाग गए तब नजदीक जाकर देखा तो काफी घायल था तो उसका प्राथमिक उपचार किया गया फिर रूकमणाराम सियोल से संपर्क कर गाङी मंगवायी और मां अमृता देवी वन्यजीव संरक्षण संस्थान कातरला को सुपुर्द किया इस तरह ग्रामिणों के सहयोग से एक वन्यजीव को बचाकर मानवता का परिचय दिया।इस तरह हर व्यक्ति का नैतिक कर्तव्य बनता है कि वन्यजीवों की सेवा के लिए निस्वार्थ भाव से सहयोग करना चाहिए ताकि प्राकृतिक संतुलन व्यवस्थित रूप से बना रहे यानि प्रकृति को सही रखने के लिए प्रत्येक जीव का रहना जरुरी है हर जीव का जीवन मानव पर निर्भर है क्योंकि इस प्रकृति पर सबसे बुद्धिमान जीव मानव है तो हमारी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि हम दूसरे जीवों पर दया करें और उनकी सेवा व सुरक्षा में निस्वार्थ भाव से सहयोग करें ताकि प्राकृतिक संतुलन व्यवस्थित बना रह सके।यदि हम अपने स्वार्थ के लिए इन जीव जन्तुओं की सेवा व सुरक्षा की ओर ध्यान नहीं देंगे तो उनका जीवन समाप्त हो ही जायेगा लेकिन उनके साथ-साथ हमारा जीवन भी खतरे में पड़ जायेगा।इस कारण हमें वन्यजीवों को बचाना है और उनकी सेवा व सुरक्षा का समय-समय पर ध्यान रखना है।






