सरकारी जमीन पर कब्जा प्रशासन मौन: भूमाफियाओ के होसले बुलंद
तखतगढ़ ,पाली (बरकत खां)
तखतगढ़ बांध के पास बेशकीमती सरकारी सिवायचक 40 बीघा पर तेजी के साथ अतिक्रमण हों रहा है। प्रशासन को इस अतिक्रमण की जानकारी है । बावजूद इसके प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। मालूम नहीं है कि इन दिनों शहर में जमीन का धंधा तेजी के साथ फल फूल रहा है । तखतगढ़ के आसपास निजी जमीन की कीमतें आसमान छूने से भू माफिया ने सरकारी जमीनों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। भू माफिया सरकारी जमीनों पर कब्जा कर उन्हें एग्रीमेंट ( अनुबंध) के आधार पर सस्ते दामों में लोगों को बेंच रहे हैं, इस कारोबार की जानकारी प्रशासन के पास है , लेकिन प्रशासन अतिक्रमणकारियों को खदेड़ने के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है , बांध के दलीयोवाला वेरा कहा जाता है , उधर एक बायोसा मंदिर भी आया हुआ है, बांध के पास सिवायचक 40 बीघा जमीन पर राजनीतिक रसूख रखने वालों ने कब्जा कर रखा है ,। ऐसे में राजनीतिक दबाव में प्रशासन इस और ध्यान नहीं दे रहा है , कई स्थानों पर झुग्गी झोपड़ी बना कर पहले कब्जा किया जाता है , फिर उसे बेच दिया जाता है। प्रशासन झुग्गी झोपड़ी के कारण इन स्थानों पर ध्यान नहीं देता है। बाद में होती है परेशानी
पहले प्रशासन अतिक्रमण पर ध्यान नहीं देता है लेकिन जब प्रशासन को सरकारी निर्माण के लिए जमीन की आवश्यकता पड़ती है तो अतिक्रमणकारियों के बेदखल करने में प्रशासन को पसीना आ जाता है
बांध के पास सिवायचक 40 बीघा जमीन पर पड़ोसी की शिकायत के अनुसार बिना स्वीकृति खूद रहे बोरवेल को प्रशासन ने रुकवाया था ओर कब्जाधारी हासम खा पुत्र सुल्तान खां को पाबंद भी किया था बोरवेल पर मोटर लगाई तो जप्त की जाएगी , अभी सुत्रो से मिली जानकारी उस बोरवेल पर जनरेटर की सहायता से रात को मोटर चलाकर पानी निकाला जाता है और सिंचाई भी की जाती है , अभी भी प्रशासन कुंभकरण की नींद में सोया हुआ है ,
आज भी तखतगढ़ नगर पालिका के पास कचरा डालने के लिए जमीन नहीं है , ओर नगर पालिका तखतगढ़ ने कचरा डालने के लिए जमीन भाड़े पर ली हुई है ,हर महीने 50 हजार किराया दिया जाता है