किसान आन्दोलनकारियो को मिला राजस्थान में कर्मचारी ट्रेड यूनियनों का भारी समर्थन, आर्थिक व संख्या के दृष्टि से संसाधन भी कराए मुहैया
शाहजहाँपुर (अलवर,राजस्थान/ चरणसिंह) किसान आंदोलन के लंबे दौर के बाद भी किसान आन्दोलनकारियो का जोश अपने उच्चतम स्तर पर है ।आंदोलनकारी किसानों को आज शनिवार 23 जनवरी को राजस्थान में कर्मचारी ट्रेड यूनियनों का भारी समर्थन मिला। आंदोलनकारियों को कर्मचारी यूनियनों ने किसानों को आर्थिक व संख्या के दृष्टि से संसाधन भी मुहैया करवाये। आंदोलनकारी किसानों को सम्बोधित करते हुए किसानों को गणतन्त्र दिवस समाहरो में पहुचने के लिये तैयारियों में जुट जाने की बात कही।ट्रेड यूनियनों के पद अधिकारियों ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस समय भारत पर एक झूठा अफवाओं से शासन करने वाला और थूक के चाटने वाला प्रधानमंत्री शासन कर रहा है ,यह भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में पहली बार हुआ है जब प्रधानमंत्री मंत्री स्तर का व्यक्ति अपनी घोषणाओं एवं झुट के कारण चर्चा में ही नही है बल्कि हंसी का पात्र भी हो गया है। आएदिन देश के संसाधनों व संस्थानों को दांव पर लगा रहा है। निजीकरण के चलते कर्मचारियों को डराया गया था वही किसानों के जमीन के अधिग्रहण व अनाज,फल,सब्जी के भंडारण के जरिये सम्पतियों को निजी क्षेत्र देने का षडयंत्र तीन कृषि कानूनों के जरिये रचा गया। आज देश में कर्मचारी वर्ग किसानों से भी ज्यादा भयभीत है। वसुंधरा सरकार ने लोक परिवहन कम्पनी के जरिये राजस्थान रोडवेज को दांव पर लगाया। उधर रेलवे, टेलीफोन, हवाई अड्डो, बंदरगाहों को निजीकरण के जरिये खुर्द बुर्द कर कर्मचारियो को भुखमरी के कगार पर ला दिया है इन विभागों से सड़क पर आ गए और आज भूखों मरने के कगार पर ला दिया। केंद्र सरकार की गलत नीतियों के चलते जवान के बाद किसान की पैत्रिक सम्पदाओं का भी कुठारा घात किया जा रहा है कर्मचारी, किसान ओर जवान को इस संकट से उभारने के लिये अपने अनुभवों के आधार पर समर्थन देना और अपनी भागीदारी इस आंदोलन में सुनिशचित करना जरूरी मानता है।यही कारण ह की आज हजारों की संख्या में साधनों पर सवार होकर किसानों को समर्थन देने भारतीय मजदूर संघ को छोड़कर शेष सभी ट्रेड यूनियनें तन मन धन से सहयोग करने आन्दोलनकारियो को समर्थन देने धरना स्थल पर पहुची है।