क्षमावाणी पर्व पर विशेष : क्षमापर्व मनाया
लक्ष्मणगढ़ (कमलेश जैन) शनिवार को आज पयुर्षण के अंतिम पर्व में क्षमावाणी पर्व, जो राग-द्वेष, अहंकार से भरे इस संसार में अपने-अपने हितों और अहंकारों की गठरी को दूर करने का मौका हमें देता है। हम न जाने कितने अहंकार को सिर पर उठाए कहां-कहां फिरते रहते हैं। और न जाने किस-किस से टकराते फिरते हैं। इसमें हम कई लोगों के दिलों को जाने-अनजाने में ठेस पहुंचाते हैं। कभी-कभी तो हम खुद की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाते हैं। जीवन में आगे निकल जाने की दौड़-होड़ में अमूमन हमसे हिंसा हो ही जाती है। ऐसे में इन सब बातों को अपने मन से दूर करने और अपने द्वारा दूसरों के दिलों को दुखाए जाने से जो कष्ट हमारे द्वारा उन्हें प्राप्त हुआ है, उन सब बातों को दूर करने का यही एक अवसर होता है। पर्युषण का, क्षमा वाणी पर्व जब हम अपने तन-मन से अपने द्वारा की गई गलतियों के लिए दूसरों से बेझिझक क्षमा मांग सकते हैं।
वैसे भी सांसारिक मनुष्य को जरा-जरा-सी बातों में मान-सम्मान आड़े आता है अत: हमें चाहिए कि हम कभी भी अपने पद-प्रतिष्ठा का अहंकार न करें, हमेशा धर्म की अंगुली पकड़कर चलते रहें ।और जीवन के हर पल में भगवान को याद रखें ताकि भगवान हमेशा हमारे साथ रह सकें। अत: जीवन में अहं भाव के चलते हुई गलतियों को सुधारने का एकमात्र उपाय यही बचता है कि हम शुद्ध अंतःकरण से अपनी भूल-चूक को स्वीकार करके अपने और सबके प्रति विनम्रता का भाव मन में जगाएं और मन की शुद्धि करते हुए सभी से माफी मांगें। मन के बैर-भाव के विसर्जन करने के इस अवसर को हम खोने न दें और इसका लाभ उठाते हुए सभी से क्षमा-याचना करें ताकि हमारा मन और आत्मा शुद्ध हो सकें। साथ ही दूसरे के मन को भी हम शांति पहुंचा सकें, यही हमारा प्रयास होना चाहिए।
हम अपने मन में हमेशा यह विचार बनाकर चलें कि इस दुनिया में मेरा कोई भी बैरी नहीं हैं और मेरा भी किसी से बैर-भाव नहीं है। अगर कोई मेरे प्रति बैर-भाव रखता हो तो तब भी मैं उसे क्षमा करता हूं और वह भी मुझे क्षमा करें। क्षमावाणी पर्व पर आज कस्बे के आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर स्थित कलशाअभिषेक किया गया। इस आयोजन में सभी समाज के लोगों द्वारा बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया। तत्पश्चात एक दूसरे से क्षमा मांग कर क्षमा वाणी पर्व उत्साह पूर्वक मनाया गया। इधर नगर पालिका क्षेत्र के मौजपुर में शांति नाथ जैन मंदिर में कलशाअभिषेक एवं रंगोली बनाकर क्षमा याचना पर्व बड़े उत्साह से मनाया। इस मौके पर रामेश्वर दयाल जैन पिंटू जैन शांति प्रसाद जैन मोहित जैन उमंग महेश चंद्र संजय प्रिंस आदि महिला पुरुष एवं बच्चे मौजूद रहे।