धुमधाम व हर्षोल्लास से श्री छांपाला वाला भैंरू जी का 15 वाँ वार्षिकोत्सव समारोह आयोजित

Jan 31, 2024 - 18:46
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धुमधाम व हर्षोल्लास से श्री छांपाला वाला भैंरू जी का 15 वाँ वार्षिकोत्सव समारोह आयोजित

विशाल मेला,भण्डारा व जागरण का हुआ आयोजन, लक्खी मेले में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

551 क्विंटल चूरमा की बनाई गई प्रसादी, सुरक्षा व्यवस्था रही चाक-चौबंद, पुलिसकर्मियों सहित वॉलिटिंयर्स व महिला स्वयंसेवक रहे तैनात 

कोटपूतली - के ग्राम कल्याणपुरा कुहाड़ा स्थित अरावली की पहाडिय़ों में बने श्री छांपाला वाला भैंरू जी मंदिर का 15 वाँ वार्षिकोत्सव समारोह मंगलवार को बड़े ही धुमधाम व हर्षोल्लास के साथ आयोजित हुआ। इस मौके पर विशाल व भव्य मेले, भण्डारे व जागरण का आयोजन किया गया। मेले को लेकर ग्रामीणों में काफी उत्साह देखने को मिला। मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ भैंरू बाबा के दर्शन के लिए उमड़ी। इस मौके पर भैंरू बाबा के भण्डारा प्रसादी का आयोजन किया गया। जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालूओं ने प्रसादी ग्रहण की। जिसकी व्यवस्थाओं में श्रद्धालु पुरे मनोभाव से जुटे रहे। सर्वप्रथम बाबा को दही चूरमें का भोग लगाया गया। वर्ष 2010 में प्रथम वार्षिकोत्सव में 70 क्विंटल चूरमे की प्रसादी बनाई गई थी। उसके बाद हर वार्षिकोत्सव पर प्रसादी के लिए बनाए गए चूरमे को बढ़ाया जा रहा है। चूरमे के लिए बनी बाटियों को थ्रेसर से पिसाई कर चूरमे में जेसीबी की सहायता से खांड, घी, काजू, बादाम, किशमिश व खोपरा मिलाया जाता है। प्रसादी के लिए बनाए जा रहे चूरमें की बाटियों को जगरे से निकालने के बाद कंप्रेसर से बाटियों की सफाई की जाती है ताकि इनमें मिट्टी व राख के कण नहीं रहे। इसके अलावा चूरमे को मिलाने के लिए भी कार्यकर्ता हाथ व पांव में पॉलिथीन पहनकर ही कार्य करते हैं। मंदिर के वार्षिकोत्सव पर सवाई माधोपुर, ग्वालियर, झालावाड़, कोटा, पीपलखेड़ा, मुरैना, मध्यप्रदेश, हरियाणा, दिल्ली सहित दूर-दराज से श्रद्धालु भैंरू बाबा के दर्शन करने आते हैं। मंदिर के वार्षिकोत्सव में ग्रामीण एकजुट होकर सहयोग करते हैं, वार्षिकोत्सव पर कार्यकर्ताओं को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी जाती है। ग्रामीण ट्रैक्टर ट्रॉली, थ्रेसर, कंप्रेसर इत्यादि की सुविधा भी अपने स्तर पर ही देते हैं। इस अवसर पर कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुए प्रदेश के गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में आज देश विश्वगुरू बनने के पथ पर अग्रसर है। केन्द्र व राज्य की सरकार मिलकर लोक कल्याण के लिए कार्य करेगी। ताकि गरीब, शोषित व वंचित व्यक्ति विकास की दौड़ में पीछे ना रहे। बेढ़म ने युवाओं से नशे सहित अन्य सामाजिक बुराईयों से दूर रहने की बात भी कही। तिजारा विधायक महंत बालकनाथ योगी ने कहा कि जिस तरह त्रेता युग में भगवान श्रीराम वनवास से लौटे थे, आज उसी तरह 500 वर्षो के बाद अयोध्या में प्रभु श्रीराम वनवास से लौटे है। निश्चित रूप से भारत में रामराज्य की शुरूआत होने वाली है। विभिन्न वक्ताओं ने समाज के सभी वर्गो को साथ लेकर आगे बढऩे एवं सामाजिक बुराईयों से दूर रहने की बात कही। अध्यक्षता करते हुए क्षेत्रीय विधायक हंसराज पटेल ने कहा कि कोटपूतली में सभी जाति वर्गो को विकास की दौड़ में साथ लेकर आगे बढ़ेगें। समारोह को यूपी के विधायक अतुल प्रधान, सवाई भोज मंदिर आसींद के महंत हेमराज पोषवाल, गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक विजय बैंसला, माण्डल विधायक उदयलाल भड़ाना समेत अन्य वक्ताओं ने भी सम्बोधित किया। इस मौके पर नगर से वरिष्ठ भाजपा नेता सत्यवीर सिंह कसाना, पूर्व मंत्री प्रेम सिंह बाजौर व हेमसिंह भड़ाना, शकुन्तला रावत, पूर्व विधायक रामचन्द्र रावत, भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष एड. हीरालाल रावत, भाजपा नेता यादराम जांगल, उप प्रधान प्रतिनिधि एड. राजेन्द्र रहीसा, भाजयुमो प्रदेश मंत्री विनोद सिंह, कांग्रेस नेता देव कसाना, इन्द्राज गुर्जर, फूलचंद गुर्जर, दाताराम गुर्जर, जयराम गुर्जर, मंदिर पुजारी रोहिताश बोफा, सरपंच प्रतिनिधि विक्रम छावड़ी, जयराम जेलदार, कैलाश धाबाई, शिंभू उपसरपंच, पूर्व सरपंच यादराम सिहोडिय़ा, सवाई खाड़ा, बबलू सिरोहीवाल, लालाराम पोसवाल, सतीश पंवाला, रामकुंवार, बुधराम पूर्व सरपंच, बनवारी मुकदम, दशरथ शास्त्री, रत्तिराम, श्योराम, सुरेन्द्र, बनवारी पंच, बहादुर पंच, यादराम सरपंच समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालू मौजूद रहे। धमाल कार्यक्रम में मुकेश एण्ड पार्टी जमालपुर, शिम्भू एण्ड पार्टी मूसनौता, मक्खनराम एवं शिम्भू एण्ड पार्टी ढ़ाणी बनकी पाटन, बीरबल एण्ड पार्टी देवीपुरा, अलगोजा एण्ड पार्टी, मुखराम बगड़ावत एण्ड पार्टी मूसनौता, हरिराम बोफा व ख्यालीराम हवलदार जैनपुरबास आदि कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी। इसके अलावा भैंरू बाबा के मन्दिर पर हैलीकॉप्टर द्वारा फूलों की वर्षा आकर्षण का केंद्र रही। वहीं मंदिर परिसर में विशेष सजावट देखी गई।

551 क्विण्टल चूरमा की बनाई गई प्रसादी : - मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 551 क्विण्टल चूरमा की प्रसादी बनाई गई। जिसमें 150 क्विंटल से अधिक आटा, 80 क्विंटल सूजी, 113 क्विंटल खांड, 25 क्विंटल मेवा (काजू, बादाम, किशमिश, मिश्री, खोपरा), 50 क्विंटल दाल, 90 क्विंटल दही, 30 पीपे सरसों का तेल, 05 क्विंटल टमाटर, 02 क्विंटल हरी मिर्च, 01 क्विंटल हरा धनिया, 60 किलो लाल मिर्च, 60 किलो हल्दी, 40 किलो जीरा काम में लिया गया व दाल बनाने के लिए 08 भट्टियां बनाई गई।  2.5 लाख पतल-दोने, 04 लाख कप चाय के लिए, 10 पानी के टैंकर काम में लिये गये। प्रसादी के लिए बनाए गये दाल, चूरमें व दही को ट्रैक्टर की सहायता से एक स्थान से दुसरे स्थान पर ले जाया गया। 

सुरक्षा व्यवस्था रही चाक-चौबन्द :- मेले को लेकर कल्याणपुरा व कुहाड़ा गाँव के ग्रामीण पिछले करीब एक माह से तैयारियों में जुट जाते हैं। ग्रामीणों द्वारा मेले की व्यवस्था बेहद व्यवस्थित ढ़ंग से की गई जो बाहर से आने वाले लोगों के लिए आश्चर्य का केन्द्र बनी हुई हैं। हजारों की संख्या में वाहनों की पार्किंग की जिम्मेदारी ग्रामीणों द्वारा उठाई गई। विभिन्न जगहों पर स्वयं ग्रामीण ही स्वयंसेवक के रूप में तैनात रहे। ग्राम एकता का यह मेला नायाब उदाहरण हैं। वहीं दूसरी ओर मेले में व्यवस्था के लिए पुलिस प्रशासन भी चाक-चौबन्द रहा। इसके लिए करीब चार थानों से पुलिस जवानों की तैनाती की गई। मौके पर एम्बूलेंस, फायर बिग्रेड आदि संसाधन भी तैनात रहे। मेले में करीब 08 हजार वॉलिंटियर व्यवस्था में जुटे रहे। हैलीपेड से लेकर बाबा के दर्शनों के लिए जगह-जगह ग्रामीण ही वॉलिटिंयर्स के रूप में तैनात दिखाई दिये। व्यवस्था में एएसपी नेम सिंह, डीएसपी मदन लाल जैफ, सरुण्ड एसएचओ राजेश यादव, कोटपूतली एसएचओ राजेश शर्मा समेत भारी मात्रा में पुलिस जाप्ता तैनात रहा।

116 सीढिय़ां चढकऱ पहुंचते हैं मंदिर :- यह मंदिर कोटपूतली-सीकर स्टेट हाईवे पर है। इसके लिए मुख्य सडक़ से 02 किलोमीटर अंदर जाना होता है। इन दो किमी में 03 भव्य दरवाजों से गुजरना पड़ता है। इसके बाद तलहटी से एक पहाड़ पर चढऩा होता है। करीब 116 सीढिय़ां चढकऱ मंदिर परिसर तक पहुंचा जा सकता है। मंदिर परिसर में प्राचीन भैरव बाबा की मूर्ति स्थापित हैं। इनके साथ ही सवाई भोज, शेड माता व हनुमान जी की मूर्ति स्थापित हैं। 

सोनगिरा पोषवाल की जुड़ी अटुट आस्था :- इस धाम के पीछे भैंरू बाबा के परम शिष्य सोनगिरा पोषवाल प्रथम की अटूट आस्था की कहानी है। ग्रामीणों ने बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार सोनगिरा पोषवाल प्रथम भैरुँ जी का परम भक्त था। जो कि भैंरू बाबा की मूर्ती को कुहाड़ा गांव में स्थापित करना चाहता था। भैरू बाबा की मूर्ती लाने कांशीजी चला गया। जिस पर भैरू बाबा ने स्वप्न में दर्शन देकर सोनगिरा पोषवाल प्रथम से अपने बड़े बेटे की बली मांगी । जिस पर सोनगिरा पोषवाल प्रथम ने बेटे की बली देकर भैंरू बाबा की मूर्ती लेकर चल देता है। बाबा उसके इस बलिदान व परीक्षा से खुश होकर उसके पुत्र को जीवित कर देते है। सोनगिरा पोषवाल प्रथम व उसके पुत्र ने पंच पीरो के साथ कुहाड़ा गांव जिसका पौराणिक नाम अजीतगढ़ चौसला बारहगोठ में लाकर विक्रम संवत् 705 ई बैशाख सुदी पंचमी को वार शनिवार को स्थापना की गई थी। वर्तमान में स्थापना दिवस पर विशाल भण्डारे व जागरण का आयोजन किया जाता है। 

खेजड़ी वृक्ष की भी होती है पूजा- सोनगिरा पोषवाल प्रथम के सोनगिरा द्वितीय पैदा हुआ। जिसने अपनी बेटी पदमा पोषवाल की शादी बगड़ावत सवाई भोज के साथ तिथि बैशाख सुदी नवमी वार रविवार संवत् 934 में की। जिसमें पंचदेव खेजड़ी वृक्ष का मंडप लगाया गया जो वर्तमान में भी मौजुद है। जिसकी आज भी पुजा होती है। पदमा पोषवाल ने वरदान दिया कि जिस स्त्री के संतान सुख नहीं है वह मंडप में उपस्थित जड़ के नीचे से निकलने पर उसको संतान सुख प्राप्त होगा। पोषवाल गौत्र पर इसका वरदान लागु नहीं होता है। तभी से आसपास के क्षेत्र में भैरू बाबा व खेजड़ी के वृक्ष की पूजा होने लगी तथा हजारों की संख्या में लोग इसके दर पर आने लगे।

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