सद्भावना हेतु समर्पण व समन्वय की आवश्यकता होती है-स्वामी सुशील गोस्वामी
खैरथल (हीरालाल भूरानी)
सर्वधर्म संसद के राष्ट्रीय संयोजक स्वामी सुशील गोस्वामी महाराज के अजमेर आने पर सर्वधर्म मैत्री संघ के पदाधिकारीयों द्वारा प्रकाश जैन के नेतृत्व में अभिनंदन व गोष्ठी का आयोजन किया गया।
प्रकाश जैन ने बताया कि बस स्टैंड के सामने बिशप हाउस में आयोजित गोष्ठी में वर्तमान समय को देखते हुए सद्भावना हेतु समन्वय व समर्पण की आवश्यकता है विषय पर चर्चा की गई। स्वामी सुशील गोस्वामी ने बताया कि वर्तमान सरकार सभी धर्म पर संप्रदायों को लेकर विशेष कार्यक्रम सभी जगह करवा रही है ।
अभी हाल ही में अयोध्या राम मंदिर के उद्घाटन समारोह से पूर्व सभी धर्म के प्रतिनिधियों ने अपनी अपनी बात रखी तथा अन्य प्रकार के कार्यक्रम निर्धारित किए जा रहे हैं। सर्वधर्म मैत्री संघ के अध्यक्ष ने स्वामी सुशील गोस्वामी का माला और दुपट्टा पहनाकर अभिनंदन करते हुए बताया कि सर्वधर्म मैत्री संघ अजमेर लगभग 40 वर्षों से अजमेर शहर में सांप्रदायिक सद्भाव प्रेम व भाईचारे के लिए जानी जाती है। हर धर्म व संप्रदाय के मुख्य त्योहारों पर एक साथ एकजुट होकर प्रेम में भाईचारे का संदेश देते हैं। स्वामी जी से चर्चा करते हुए कहा की वर्तमान समय में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग अपने आप को मुख्य धारा से कटा हुआ मान रहे हैं इसका समाधान शीघ्र ही होना आवश्यक है ।
इस पर उन्होंने कहा की वर्तमान सरकार के द्वारा लोकसभा में एक सदस्य सर्वधर्म का भी मनोनीत किया गया है जिसकी माध्यम से हम अपनी बात को सरकार तक बहुत आसानी से पहुंचा सकते हैं। बिशप विक्टर फादर जे के शर्मा, फादर अजय उनके अन्य साथियों ने स्वामी जी को बुके एवं दुपट्टा पहनाकर अभिनंदन किया।
इस असवर पर बिशप विक्टर ने बताया अजमेर में सरकार व प्रशासन का भी संस्था को सहयोग प्राप्त होता है। संस्था प्रशासनिक व सरकारी कार्यक्रमों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका रखती है।
गोष्ठी में सर्वधर्म के प्रतीक माने जाने वाले पाठक महाराज चित्रकूट धाम पुष्कर, मोहम्मद खान, सरदार दिलीप सिंह छाबड़ा, कश्मीर सिंह, राष्ट्रीय सिन्धी समाज के राष्ट्रीय महासचिव डॉ लाल थदानी, डॉ भारत छबलानी, विक्रम सिंह, कश्मीर सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। तत्पश्चात समूह के सभी सदस्य स्वामी जी के साथ दरगाह दीवान साहब की हवेली पहुंचे वहां पर दीवान साहब से शिष्टाचार मुलाकात की। दीवान साहब ने वर्तमान समय की झांकी को स्वामी जी के सामने प्रस्तुत करते हुए कहा कि कुछ एक सामाजिक तत्वों के कारण हम लोग अपनी बात सर्वधर्म की बात पूरी तरह से नहीं मनवा पाते हैं इसके लिए सावधानी आवश्यक है। कई संत समाज के लोग अपने साथ कुछ ऐसे लोगों को रखते हैं जो सर्व मान्य नहीं होते। दीवान साहब के पुत्र नासिर भाई ने स्वामी जी का शाल ओढाकर अभिनंदन किया।