शिक्षा विभाग में हजारों पद खाली, बेरोजगारी बढ़ी भारी सरकारी स्कूलों का हो रहा बेड़ा ग़र्क, नीजि स्कूलों को बढ़ावा जारी
आशान्वित व आदीवासी बाहुल्य सिरोही जिले की स्थिति सबसे खराब
सिरोही (रमेश सुथार ) राजस्थान के माध्यमिक शिक्षा विभाग के कार्यालयों व विद्यालयों में एक लाख पच्चीस हजार के लगभग पद खाली है। प्रारम्भिक शिक्षा, संस्कृत शिक्षा विभाग की भी स्थिति बहुत खराब है। शिक्षा बचाओ समिति के प्रदेश संयोजक गोपाल सिंह राव ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा व शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को पत्र लिखकर व मेल करके सम्पूर्ण आंकड़े भेजे ।राव ने राजस्थान के माध्यमिक, प्रारम्भिक व संस्कृत शिक्षा के बदहाल स्थिति को शीघ्र ठीक करने के लिए 2 लाख बेरोजगारों को शिक्षा विभाग में रोजगार देने की मांग की । आशान्वित,जन जाति बाहुल्य सिरोही जिले के शिक्षा विभाग की स्थिति बड़ी खराब है। जिला सिरोही में शिक्षा विभाग के अधिकांश अधिकारियों के पद रिक्त है। जिला मुख्यालय पर मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक जिला शिक्षा अधिकारी, प्रारम्भिक जिला शिक्षा अधिकारी, जिला साक्षरता अधिकारी, एडीपीसी रमसा, डाइट आबू प्रधानाचार्य का पद खाली है।जिसकी सारी जिम्मेदारी सिरोही ब्लाक शिक्षा अधिकारी हीरालाल माली पर है। उनकी भी सेवानिवृत्ति होने वाली है।शिवगंज,रेवदर,पिण्डवाडा, आबूरोड में मुख्य ब्लाक शिक्षा अधिकारी के पद खाली है।जिला मुख्यालय के सभी कार्यालयों व पांचों ब्लाक कार्यालयों में भी रिक्त पद होने से कार्यालय कार्य बाधित हो रहे है।
जिले की माध्यमिक शिक्षा की स्थिति भी खराब है।जिले में 6811 स्वीकृत पदों में से 2527 पद रिक्त है। माध्यमिक शिक्षा में प्रधानाचार्य की 121 ,उप प्रधानाचार्य के 172,व्याख्याता के 280, वरिष्ठ अध्यापकों के 540, अध्यापक लेवल दो के 111, अध्यापक लेवल एक के 121, शारीरिक शिक्षक व्याख्याता का एक ,वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक के 31, शारीरिक शिक्षक के 20, वरिष्ठ पुस्तकालय अध्यक्ष के तीन, पुस्तकालय अध्यक्ष के दो, लाइब्रेरियन फर्स्ट ग्रेड का एक, लाइब्रेरियन सेकंड ग्रेड के 15, लाइब्रेरियन थर्ड ग्रेड के 11, सीनियर असिस्टेंट के 51 ,जूनियर असिस्टेंट के 23, जमादार के 5, लैब बॉय के 24, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के 376, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी के 11, सहायक प्रशासनिक अधिकारी के 2, बेसिक कम्प्यूटर अनुदेशक के 100, वरिष्ठ कम्प्यूटर अनुदेशक के 5,प्री प्रायमरी शिक्षक के 16 पद रिक्त है। जिसके कारण माध्यमिक शिक्षा विभाग की स्थिति बहुत ही खराब है। प्रारम्भिक शिक्षा में कुल 3111 पद स्वीकृत हैं जिसमें से 2427 पद भरे हुए है। रिक्त पद 684 है। प्रारम्भिक शिक्षा विभाग के हालात तो सिरोही में बहुत ज्यादा खराब है। मिडिल स्कूल प्रधानाध्यापक वरिष्ठ अध्यापक हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, संस्कृत, सामान्य के 225 स्वीकृत पदों में से केवल 91 कार्यरत है। मिडिल स्कूलों में प्रधानाध्यापक वरिष्ठ अध्यापकों के 134 पद रिक्त है। अध्यापक लेवल दो हिंदी,, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, संस्कृत, उर्दू के 710 स्वीकृत पदों में 572 पद भरे हैं। जिले में अध्यापक लेवल दो के 138 पद खाली है। शारीरिक शिक्षकों के 135 पद स्वीकृत हैं जिसमें से 93 कार्यरत व 42 पद खाली है। संस्कृत शिक्षा की स्थिति सबसे ज्यादा बदहाल है।
सरकार जब भी स्थानांतरण करेगी । सिरोही जिले से सैकड़ों अधिकारी व कर्मचारी सिरोही से अन्य जिलों में स्थानांतरण करवाकर बाहर जाएंगे।जिले निवासी अधिकारी व कर्मचारी भी राजनैतिक उत्पीड़न के शिकार हो सकते है। अधिकारियों व कर्मचारियों की भारी कमी से बेहाल सिरोही और भी बदहाली का शिकार होगा।शिक्षक नेता गोपाल सिंह राव के अनुसार चुनावों में राजनीतिक पार्टियां बड़े-बड़े वादे करती है और जनता उनके वादों में आकर उन्हे सत्ता की चाबी तो सौंप देती है। सरकारों के बदलने के बाद भी हालात जस के तस रहते हैं। शिक्षा विभाग में भी बरसों से यही स्थिति देखने को मिल रही है।प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा विभाग, प्रारम्भिक शिक्षा विभाग, शिक्षा विभाग संस्कृत में कार्मिकों की भारी कमी बरसों से बनी हुई है।जबकि चुनाव में शिक्षा विभाग को लेकर भी भर्तियों की घोषणा तो की जाती है, लेकिन धरातल पर कुछ होता नहीं। राजस्थान में प्रशिक्षित युवा लाखों बेरोजगार हैं। लेकिन भर्ती परीक्षा नकल,पेपर आउट की भेंट चढ़ जाती है। ऐसे में निजी विद्यालयों को भारी बढ़ावा दिया जा रहा है। पिछड़े, दलित,निर्धन परिवारों के बच्चे शिक्षा में पिछड़ रहे है।राव ने सिरोही जिले के जन प्रतिनिधि राज्य मंत्री ओटाराम देवासी ,नव निर्वाचित सांसद लुम्बाराम चौधरी, विधायक समाराम गरासिया, मोतीराम कोली,जिला प्रमुख अर्जुन राम पुरोहित ,सभी वर्तमान व पूर्व जन प्रतिनिधियों से दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सिरोही जिले की शैक्षिक बदहाली को ठीक करवाने की गुहार की।