मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए ऑडीके एप के माध्यम से होगी मॉनिटरिंग
कोटपूतली-बहरोड़, 22 जुलाई। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरंतर मॉनीटरिंग कर आमजन को बेहतर सेवाएं देने का प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग की ओर से मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम व बचाव के लिये तथा राज्य में मच्छरों के प्रजनन स्थलों पर ब्रीडिंग रोकने के लिये राज्य में नवाचार अन्तर्गत ओडीके एप (ओडीके एप- वैक्टर बोर्न डिजीज, ओडीके एप-सुधार, ओडीके एप-मरूधर) बनाये गये हैं। जिला कलक्टर कल्पना अग्रवाल ने बताया कि ओडीके एप के माध्यम से अन्तर्विभागीय समन्वय द्वारा मच्छरों की ब्रीडिंग कन्ट्रोल किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। यह एक महत्वपूर्ण नवाचार हैं। इन तीनों एप में से, ओडीके एप- वैक्टर बोर्न डिजीज के माध्यम से फील्ड स्टॉफ पानी के स्रोतों की फोटो खींचकर जीओ टेंगिंग (लोकेशन) के साथ ऐप में अपलोड कर रहे हैं। इसमें सड़क पर पड़ा हुआ कचरा, नाला/नाली में सफाई न होने के कारण रूका हुआ पानी, सड़क व अन्य स्थान पर गढ्ढों में भरा पानी, खाली प्लाट में कचरा/पानी, बड़े जल स्रोत (तालाब/पोखर/बावड़ी) में कचरा/गंदगी घर के बाहर पानी के अन्य स्रोत टंकी, मटका, टायर, डिब्बा में लार्वा की उपस्थिति, अन्य स्थान/पात्र जहां पानी जमा हो, के फोटो जमा पानी की स्थिति आदि के फोटो अपलोड किए जा सकते हैं, जिनका निस्तारण स्वायत्त शासन विभाग व पंचायती राज विभाग द्वारा किया जाएगा। इन शिकायतों का निस्तारण ओडीके एप-सुधार द्वारा किया जाएगा। शहरी क्षेत्र की प्राप्त शिकायतों का निस्तारण स्वायत्त शासन विभाग एवं ग्रामीण क्षेत्र की प्राप्त शिकायतों का निस्तारण पंचायती राज विभाग द्वारा किया जाएगा। इसी एप में शिकायतों से पूर्व का फोटोग्राफ व निस्तारण के पश्चात् का फोटोग्राफ जिओ टॅगिंग के साथ अपलोड किया जायेगा, जिससे शिकायत निवारण की पुष्टि की जा सकेगी। जिला कलक्टर ने बताया कि साप्ताहिक बैठक में प्राप्त शिकायतों व निस्तारित की गई कार्यवाहियों के बारे में विभागवार विश्लेषण किया जाएगा। इसी क्रम में घरों के अन्दर मच्छरों के प्रजनन पर नियंत्रण डोमेस्टिक ब्रीडिंग चैकर (डीबीसी) द्वारा ओडीके ऐप-मरुधर के माध्यम से किया जाएगा। ओडीके एप- मरूधर की मदद से घरों के अन्दर की जाने वाली एन्टीलार्वल, एन्टीएडल्ट व सोर्स रिडक्शन की गतिविधियों की रिपोर्ट जिओ टैगिंग के साथ की जाएगी। इसकी मॉनीटरिंग राज्य व जिला स्तर पर की जा सकेगी। राज्य में डीबीसी रखे जाने की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की गई है। डीबीसी द्वारा घरों के अन्दर की गई गतिविधियों के विश्लेषण के आधार पर उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान की जा सकेगी। इन क्षेत्रों में जहां मच्छर के लार्वा का घनत्व (एचआई/बीआई) मानक से अधिक होगा, उन क्षेत्रों में टीमों की संख्या बढाकर मच्छररोधी गतिविधियां समय पर सम्पादित की जाएंगी। ओडीके एप के समुचित उपयोग से लार्वा स्थानों का उपचार करने से मानसून में मलेरिया, डेंगू रोग का नियंत्रण किया जा सकेगा।
- भारत कुमार शर्मा