पालिका की सामान्य बैठक 60 दिन के भीतर करवाने का प्रावधान होने के बावजूद नहीं बुलाई जा रही बैठक
विकास कार्य में पार्षदों की अनदेखी व कहीं पार्षदों में भेदभाव
तखतगढ़ (बरकत खान) पालिका अधिनियम - 2009 की धारा 51 में पालिका की सामान्य बैठक 60 दिन दिन के भीतर करवाने का प्रावधान है । यदि किसी भी नगर पालिका तखतगढ़ में कम से कम एक तिहाई सदस्यों की ओर से संकल्प प्रस्ताव लिया जाए, तों सात दिन के भीतर पालिका अध्यक्ष रांकावत को विशेष बैठक बुलानी होती। स्वायत्त शासन विभाग के ऐसे नियम बने होने के बावजूद सुमेरपुर उपखंड की तखतगढ़ नगर पालिका के लिए ये नियम - कायदे नहीं चलते।
कांग्रेस पार्षद वार्ड नं 17 के भंवर मीना ने बताया कि इन दिनों तखतगढ़ नगर पालिका में ये सभी नियम - अधिनियम लागू नहीं होते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यहां कि यहा तों लोकतंत्र बिल्कुल खत्म हो चुका है। निर्वाचित जनप्रतिनिधि जिन्हें तखतगढ़ नगर की जनता ने निर्वाचित कर वार्ड के विकास ओर नगर के लिए पालिका भेजा है। परंतु पिछले साढ़े तीन वर्ष में बोर्ड की मात्र दों बार साधारण बैठक बुलाई गई है। मतलब यह है कि पार्षदों के अधिकार ही समाप्त कर दिए गए हैं। पार्षदों के वार्डो में किया काम करवाने है।किसे प्रस्ताव में शामिल करवाना है, वह अधिकार तखतगढ़ पालिका में पार्षदों के पास अब नहीं रहें। जों करेंगे वो सिर्फ पालिका में आकर चाय पानी पीकर वापस निकलने तक ही सीमित कर दिया है।
तखतगढ़ पालिका के वारे न्यारे - पार्षद मीना ने बताया कि सभी कार्य पिछले साढ़े तीन वर्ष से बिना बोर्ड के समक्ष अनुमोदन से पालिका अध्यक्ष रांकावत अपनी मनमर्जी से अपने हितबद्ध कार्या का प्रस्ताव लेकर या अपने विशेष हितेषी पार्षदों के वार्ड में ही काम करवा रहे हैं। जबकि लोकतंत्र में सबकी भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रावधान है, लेकिन तखतगढ़ के शासनाध्यक्ष ने तों नियम कायदे को साढ़े तीन वर्ष से ही ताक पर रखकर शासन को ठेका दिखा रहे हैं। अपनी इच्छानुसार काम करवाने है, वो ही करवाने की ठानी हुई है। पालिका में सिर्फ पालिका अध्यक्ष रांकावत के नियम कायदे ही बार्ड है। पालिका में भाजपा का बोर्ड में किसी ने आज दिन तक कोई आवाज नहीं उठाई। नियम कायदे ताक में रखकर बिना सक्षम बोर्ड के अनुमोदन बड़े बड़े कार्य करवाए जा रहे हैं , जोकि नियमों के विरुद्ध है।
पार्षद राजेश कुमार वार्ड इनका कहना है कि- वास्तव में बोर्ड की बैठक बहुत ही कम हुई है। निर्धारित समय के अनुसार बोर्ड की बैठको का आयोजन होना अनिवार्य है। पालिका में मात्र दों बार बोर्ड की बैठक हुई है। जिससे काम सहीं ढंग से नहीं हो पा रहें हैं। बोर्ड की बैठक होना सहीं बात है। अभी पालिका अध्यक्ष रांकावत से बात की है।तो उन्होंने विधानसभा के बाद बैठक बुलाई का कहां है। विधानसभा खत्म हो गई।कल परसु बात करेंगे। सभी को साथ लेकर चलना चाहिए, तब जाकर पालिका क्षेत्र में विकास होगा ।