जैन धर्म का महापर्व पर्युषण आज 1 सितंबर से हुआ शुरू
लक्ष्मणगढ़ (अलवर) जैन धर्म का पर्युषण पर्व 1 सितंबर से शुरू हो गया है। इस दौरान जैन धर्म के लोग 10 दिनों तक व्रत उपवास तप आदि करते हैं। इसके साथ ही अपने आराध्य महावीर जी की पूजा करते हैं। जैन धर्म में श्वेतांबर जैन और दिगंबर जैन इस पर्व को अलग-अलग तिथियों पर मनाते हैं। यह पर्व भगवान महावीर स्वामी के मूल सिद्धांत 'अहिंसा परमो धर्म, जिओ और जीने दो' की राह पर चलने के लिए मनाया जाता है। इस पर्व को पर्वों का राजा भी कहा जाता है।
जैन धर्म के लोग भाद्रपद मास में पर्यूषण पर्व मनाते हैं। पर्युषण में परि का अर्थ है चारों ओर से वहीं, उषण का अर्थ होता है धर्म की अराधना। पर्युषण का अर्थ हुआ चारों ओर से धर्म की अराधना। पर्युषण का पर्व जैन धर्म मे ऐसा माना जाता है जिस दौरान भगवान महावीर ने शिक्षा दी थी उस समय को ही पर्युषण पर्व कहा गया था। इस महापर्व के दौरान जैन समाज के लोग भक्ति भाव के साथ जैन मंदिरों में अभिषेक, विशेष पूजा अर्चना, आराधना, तप, ध्यान करते हैं।
पर्युषण का पर्व यह साधक को उत्तम गुण अपनाने की प्रेरणा देता है। इन दस दिनों में जैन धर्म के लोग व्रत, तप, साधना करके आत्मा की शुद्धि का प्रयास करते हैं। साथ ही यह भी माना जाता है कि सालभर के सांसारिक क्रिया-कलापों के कारण जीवन में जो भी दोष आ जाते हैं उन्हें यह पर्व दूर करने का काम करता है।
- कमलेश जैन