पर्यावरण सेवकों ने अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण संगोष्ठी में दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश
भीलवाड़ा : राजकुमार गोयल
धोरीमन्ना जाम्भाणी साहित्य अकादमी एवं जम्भेश्वर शोधपीठ जय नारायण विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी में कोशिश पर्यावरण सेवक टीम अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणविद खमुराम बिश्नोई के नेतृत्व में संगोष्ठी स्थल पर पहुंची।वहां पर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए भव्य पर्यावरण गैलरी बनाकर आंगुतकों को अपनी जिम्मेदारी से अवगत कराया व वर्तमान परिस्थितियों में पर्यावरण प्रदूषण के कारणों से रूबरू कराया। टीम के सह-प्रभारी व स्टेट अवार्डी शिक्षक जगदीश प्रसाद विश्नोई ने बताया कि पर्यावरण सेवक निस्वार्थ भाव से सेवा देने के लिए भारतभर से आये और संगोष्ठी स्थल को सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त रखा प्लास्टिक कप व गिलास की जगह मिट्टी के कप व गिलास को काम लिया व प्राचीन भारतीय संस्कृति के अनुसार पर्यावरण संगोष्ठी में आये सभी मेहमानों को तांबे के बर्तनों से जलपान कराकर नशा नहीं करने का संकल्प दिलाया व भोजनशाला में भोजन को जूठा न छोड़े इसके लिए जगह जगह तख्तियां व बैनर लगाकर लोगों को अन्नदेव कै महत्व के प्रति जागरूक किया व जूठे भोजन को पर्यावरण सेवक इकट्ठा कर स्वयं भोजन करने लग गए तो लोग बहुत प्रभावित हुए और जूठा न के बराबर छोङने लग गये इस तरह भोजनशाला को जूठन रखकर भोजन को नाली में जाने से बचाया और मेहमानों को भविष्य में भी जूठा नहीं छोङने हेतु प्रेरित किया। अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में भारतभर से पर्यावरण सेवक खमुराम बिश्नोई,किशनाराम बांगङवा, जगदीश गोदारा गडरा, शांतिलाल नीमगांव, विष्णु गोदारा कांकरिया,हरिराम गोदारा, पूनाराम मांजु फनकार, बुधाराम कावां,श्रीराम ढाका, सुनिल माचरा,हरिराम गोदारा,बुधराम भादू,शिवभोली, शारदा एडवोकेट सहित कई सेवकों ने अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण संगोष्ठी में दो दिन तक नशामुक्ति अभियान,सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त धरती मां अभियान चलाते हुए भव्य पर्यावरण संरक्षण प्रदर्शनी लगाकर लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया।