जलझूलनी एकादशी : ठाकुर जी ने धारण किया नटवर वेश, भगवान को डोल में विराजमान कराकर निकाली गई यात्रा
कठूमर तहसील के गांव खेरली रेल वार्ड 11 हनुमान मंदिर से तलाई वाले हनुमान मंदिर तक भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जलझूलनी एकादशी के रूप में मनाया गया। राजकुमार चौहान कठूमर ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि धार्मिक मान्यता के अनुसार चतुर्मास के दौरान पाताल लोक में क्षीर सागर में निंद्रा कर रहे भगवान विष्णु इस दिन करवट बदलते हैं. इसलिए इसका नाम परिवर्तिनी एकादशी भी कहते हैं. इस दिन व्रत करने से मनुष्य को वाजपेय यज्ञ करने के समान फल मिलता है. साथ ही भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में कभी भी दुख और आर्थिक परेशानियां नहीं आती हैं. इस अवसर पर यदुवीर सिंह पवन, सिंह आकाश सिंह, प्रेमचंद अवस्थी, देवकरण सिंह, कुलदीप सिंह, अंशु, मन्नू , पुनीत सिंह, मणिपाल सिंह, बनेसिंह, डूंगर सिंह, जेपी अवस्थी, नीतेश अवस्थी, सचिन अवस्थी सहित सभी कार्यकर्ताओ के सहयोग शोभायात्रा निकली। जिसमे सभी समाज के महिला पुरुषो ने भाग लिया।