अरावली पर्वतमाला की 300 मीटर ऊंची चोटी पर किया वृक्षारोपण
वृक्षा मित्रम समिति के सदस्यों ने लगाई पेड़
उदयपुरवाटी (सुमेर सिंह राव ) पर्यावरण संरक्षण ही जीवन का आधार है को परिभाषित करते हुए नांगल ग्राम गजेंद्र सिंह उर्फ गज्जू भाई ने वर्ष 2024 में 2000 वृक्षों को लगाने का जो लक्ष्य किया था। वह आज नांगल वृक्ष मित्रम् समिति द्वारा अरावली पर्वतमाला की 300 मीटर ऊंची चोटी पर वृक्षारोपण कर इस वर्ष के वृक्षारोपण अभियान को स्थगित किया है। अब तक गज्जू भाई टीम वृक्षा मित्रम् समिति के सदस्यों के साथ पीपल और बरगद का पेड़ लगाकर अगले साल की तैयारी के साथ वृक्षारोपण का समापन किया गया ।वर्ष 2018 से ही गजेंद्र सिंह के दिमाग में पर्यावरण के प्रति सजकता जागरूक हुई और अपनी कल्पनाओं को साकार रूप प्रदान करने के लिए पिछले 6 सालों से बिना रुके निरंतर इसी कार्य के लिए तन ,मन और धन से समर्पित होकर "सर्वजन हिताय "को सुशोभित कर आज की वर्तमान युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत बने हैं। लोहागर्ल किरोड़ी नांगल अरावली पर्वतमाला पर वृक्षरोपण किया जा रहा है जिसमें बड़ पीपल पिलखन के पेड़ लगाए जा रहे अभी तक 2000 पेड़ों का वृक्षरोपण किया जा चूका है उनकी सुरक्षा और देख-देख की जिम्मेदारी भी ली जा रही है टीम के पर्यावरण सारथी सुभाष मीणा नांगल, प्राचार्य इब्राहिम शेख चंदन सिंह शेखावत, मोहम्मद असलम ,राकेश कुमावत, आरव झीरवाल, तेजस मीना प्रदीप शेखावत विजय योगी,मुकेश सिंह , श्री राम जांगिड़, लक्की मीना, अरमान अली इत्यादि गज्जू भाई ने बताया की माँ नाम का पेड़ लगाना पर्यावरण की रक्षा का एक सुंदर तरीका है। यह न केवल धरती को हरा-भरा बनाता है, बल्कि हमारी माताओं के प्रति प्रेम और सम्मान को भी दर्शाता है। हर पेड़ जो हम अपनी माँ के नाम पर लगाते हैं, वह हमारे पर्यावरण का प्रहरी बन जाता है। सुभाष मीना ने पर्यावरण के महत्व पर प्रकाश डाला कहा की प्रकृति के बारे में सबसे अविश्वसनीय चीजों में से एक इसकी अनुकूलन क्षमता है। यह वास्तव में प्रेरणादायक है। ऑक्सीजन के बिना एक मिनट भी जिना संभव नहीं है जीवन बचाने के लिए सभी को पेड़ पौधे लगाना चाहिए वृक्ष हमारे पर्यावरण की सबसे अधिक मूल्यवान संपदाओं में से एक हैं। एक अकेला वृक्ष कई प्राणियों को ऑक्सीजन देने के साथ अन्य कई संसाधनों की पूर्ति भी करता है।