आके खालो 56 भोग बड़ी प्यार से लाया जी..... विसर्जन से पहले गणेश जी को चढ़ाया 56 भोग
झुंझुनूं (सुमेर सिंह राव ) हीरवा गांव में ठाकुर जी मंदिर के पास गणेश महोत्सव के दसवे दिन गणेश जी महाराज का समापन हुआ। गणेश पूजन, हवन के साथ गणेश विसर्जन किया गया , लेकिन इसके पहले भगवान गणेश को 56 भोग लगाया गया है। आके खालो 56 भोग बड़ी प्यार से लाया जी..... 56 भोग मनीष अग्रवाल पुत्र स्व महावीर प्रसाद अग्रवाल के द्वारा लगाया गया। सहपरिवार द्वारा गणेश जी की आरती की गई। महिलाओं ने बढ़ चढ़कर गणेश पूजन में हिस्सा लिया। छप्पन भोग का प्रसाद लोगों में वितरित किया गया, देर रात्रि तक भजन पार्टी द्वारा भजनों की प्रस्तुति दी गई। भव्या पुत्री जयप्रकाश शर्मा ने भी सुंदर-सुंदर भजनो के साथ लोगों को खूब रिजाया, भव्या शर्मा दसवीं की छात्रा है। वहीं दसवे दिन गणेश विसर्जन से पहले पंडित पुनीत शर्मा के सानिध्य में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन किया बाद में 1 बजे महाआरती की गई। लोगों ने गणपति बप्पा मोरिया के जयकारे भी लगाए। उसके बाद सभी को गणेश जी महाराज का प्रसाद वितरित किया गया। गाँव के ठाकुर जी मंदिर डीजे बाजे के साथ गणेश प्रभु की शोभायात्रा के जयकारों के साथ विदा किया गया। लोगो ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। हीरवा ठाकुर जी मंदिर बनियो के मोहले में पिछले नो दिन से चल रहे हीरवा चौक के राजा के महोत्सव का विधिवत समापन मंगलवार शाम को मूर्ति विसर्जन के साथ हुआ। गणपति बप्पा मोरिया, अगले बरस तूं जल्दी आना...देवा हो देवा गणपति देवा के नारे लगाए गए। इस मौके पर श्याम सुंदर शर्मा, ओमप्रकाश अग्रवाल,शिव कुमार अग्रवाल, ठाकुर जी मंदिर पुजारी अशोक शर्मा, मनीष अग्रवाल, सजन शर्मा घनश्याम दास अग्रवाल, अशोक मिश्रा, राजेश शर्मा, ऋषि सोनी, राधा किशन सोनी, मोहनलाल सोनी, जर्मन मिश्रा, कंचन मिश्रा एवं गांव के गणमान्य लोग मौजूद रहे।
गणेश को पसंदीदा भोग है लड्डू - पंडित अमित शर्मा के अनुसार भगवान गणेश का पसंदीदा भोग लड्डू है। पुराण के अनुसार भगवान गणेश को बचपन से ही लड्डू बहुत पसंद हुआ करते थे। इसीलिए अब भी सबसे पहले भगवान गणेश को लड्डू का भोग ही लगाया जाता है। लड्डू के भोग लगाने पर भगवान जल्दी प्रसन्न होते है, ऐसी भी अनेक मंदिरों में मान्यता हैं। गणेश पर्व के दौरान शहर के बाजार से लड्डू तो अधिक विक्रय हुए ही, लेकिन घरों में भी महिलाओं ने अलग-अलग तरह के लड्डू एव प्रसाद तैयार कर भगवान गणेश को भोग लगाए।
क्या है 56 भोग का महत्व - पंडित शुभम शर्मा के अनुसार भगवान को 56 भोग चढ़ाने के महत्वों को वर्णन अलग-अलग है। भक्त अधिक प्रसन्नता और भगवान को रिझाने के लिए बड़ी ही भक्ति भाव से 56 भोग तैयार करते है और चढ़ाते है। इसे लेकर मान्यता है कि अगर भगवान को भोग पसंद आ जाते है तो भक्तों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इसके अलावा विशेष पूजन अवसर पर भी 56 भोग चढ़ाए जाते हैं।