विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्द्ध घुमन्तु समुदाय के लिए आवश्यक दस्तावेज बनाने हेतु शिविरों का आयोजन, 15 दिसम्बर तक लगेंगे शिविर
भरतपुर, 27 नवम्बर। जिला कलक्टर डॉ. अमित यादव के निर्देश पर जिले के विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्द्ध घुमन्तु समुदाय के व्यक्तियों के आवश्यक दस्तावेज बनाने के लिए जिले के शहरी स्तर पर 27 नवम्बर से 15 दिसम्बर 2024 तक शिविर आयोजित किये जा रहे हैं। जिला कलक्टर ने सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को दायित्व सौंपते हुए शिविरों के सफल संचालन हेतु आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
आयुक्त नगर निगम ने बताया कि इन शिविरों में विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु समुदाय के व्यक्तियों के आवश्यक दस्तावेज जैसे वोटर आई.डी. आधार कार्ड, जनाधार कार्ड, मूल निवास प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, जनाधार कार्ड, मूल निवास प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, घुमन्तु पहचान प्रमाण पत्र बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु समुदाय वर्ग के लिए मूलभूत सुविधाएं जैसे स्वास्थ्य, पेंशन, भूमि आवंटन, आवास व्यवस्था आदि से जोडने के लिए शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।
आयुक्त ने बताया कि 28 नवम्बर को नगर निगम क्षेत्र भरतपुर के वार्ड संख्या 36, 37, 38, 39, 40 के लिए नगर निगम भरतपुर में, 29 नवम्बर को वार्ड संख्या 11, 12, 13, 14, 15 के लिए लोहागढ़ स्टेडियम में, 2 दिसम्बर को वार्ड संख्या 16, 17, 18, 19, 20 के लिए आश्रय स्थल हीरादास रैन बसेरा में, 3 दिसम्बर को वार्ड संख्या 21, 22, 23, 24, 25 के लिए पुराना लक्ष्मण मंदिर में, 4 दिसम्बर को वार्ड संख्या 26, 27, 28, 29, 30 के लिए टाउन हॉल किला में, 5 दिसम्बर को वार्ड संख्या 1, 2, 3, 4, 5 के लिए लोहागढ़ स्टेडियम में, 6 दिसम्बर को वार्ड संख्या 6, 7, 8, 9, 10 के लिए लोहागढ़ स्टेडियम में, 9 दिसम्बर को वार्ड संख्या 41, 42, 43, 44, 45, 46 के लिए सामुदायिक भवन जवाहर नगर में, 10 दिसम्बर को वार्ड संख्या 47, 48, 49, 50, 51, 52 के लिए एमएसजे कॉलेज में, 11 दिसम्बर को वार्ड संख्या 53, 54, 55, 56, 57 के लिए सामुदायिक भवन एसटीसी हाउसिंग बोर्ड में, 12 दिसम्बर को वार्ड संख्या 58, 59, 60 के लिए रेलवे स्कूल पार्क स्टेशन में एवं 13 दिसम्बर को वार्ड संख्या 61, 62, 63, 64, 65 के लिए शॉपिंग सेंटर पार्किंग रणजीत नगर में प्रातः 10 बजे से सांय 6 बजे तक शिविरों का आयोजन किया जायेगा।
आयुक्त ने बताया कि इन जातियों, समुदाय के पास अपनी पहचान के लिए कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं होते हैं अतः इनकी पहचान साक्ष्य के रूप में प्रमाणित करने का कार्य वार्ड पार्षद, स्थानीय सरकारी कार्मिक, पटवारी, शिक्षक, बीएलओ आदि कर सकेंगे।
- कौशलेन्द्र दत्तात्रेय