मिसाइल क्षमता से संपन्न बहुउद्देशीय पोत आईएनएस तुशिल को रूस में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आईएनएस तुशिल के जलावतरण को भारत की बढ़ती समुद्री ताकत का गौरवपूर्ण प्रमाण बताया। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत, रूस एआई, आतंकवाद-रोधी जैसे क्षेत्रों में एक-दूसरे की विशेषज्ञता का लाभ उठाकर सहयोग के नए युग में प्रवेश करेंगे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आईएनएस तुशिल को भारत की बढ़ती समुद्री ताकत का गौरवपूर्ण प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि भारत और रूस एआई आतंकवाद-निरोध जैसे क्षेत्रों में एक-दूसरे की विशेषज्ञता का लाभ उठाकर सहयोग के नए युग में प्रवेश करेगा। बता दें कि मल्टी रोल स्टील्थ मल्टी-रोल स्टील्थ-गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस तुशिल को रूस में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया।
उन्होंने कहा कि यह जहाज रूसी और भारतीय उद्योगों की सहयोगात्मक क्षमता का एक बड़ा प्रमाण है। यह संयुक्त कौशल के माध्यम से तकनीकी उत्कृष्टता की ओर भारत की यात्रा का उदाहरण है। सिंह ने कहा कि भारत और रूस कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष अन्वेषण और आतंकवाद-रोधी जैसे क्षेत्रों में एक-दूसरे की विशेषज्ञता का लाभ उठाकर सहयोग के नए युग में प्रवेश करेंगे। जहाज के निर्माण पर कलिनिनग्राद में तैनात युद्धपोत निगरानी दल के विशेषज्ञों की एक भारतीय टीम ने बारीकी से नज़र रखी।