मौसम बदलने के साथ भगवान ने भी बदली पोशाक, ठंड को लेकर गर्म वस्त्र पहनाए, भोग में मेवा के लड्डू
खैरथल (हीरालाल भूरानी ) सर्दी के मौसम के आगमन के साथ ही खैरथल के प्रमुख मंदिरों में भगवान के वस्त्र, भोग प्रसादी और आरती के समय में बदलाव किया गया है। प्राचीन मंदिर श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर में ठकुर जी के परिधान बदले गए हैं। महंत पीठाधीश्वर पं.शशिभूषण गल्याण मिश्र ने बताया कि दिसंबर में ठंड का असर बढ़ने के साथ ही ठकुर जी को प्रतिदिन गुनगुने पानी से स्नान कराकर, गर्म वस्त्र धारण कराए जा रहे हैं। भोग प्रसादी में अब रोज अलग-अलग प्रकार के गर्म व्यंजन, दाल पकोड़ी, हलवा, बाजरे की खिचड़ी, बाजरे की रोटी भगवान को अर्पित की जा रही है। इसी प्रकार शहर के राधा-रानी मंदिर लाडली महल में भी राधा-रानी को सूती वस्त्रों की बजाय गर्म वस्त्र धारण कराकर शॉल ओढा दी गई है। भोग प्रसादी में दूध केसर, कढ़ी के साथ बाजरे की रोटी, मेवा के लडडू का भोग लगाया जा राप है। मंदिर की व्यवस्थापक गुरू मां सारिका ने बताया कि सर्दी का मौसम आने के साथ मंदिर में होने वाली श्रृंगार महाआरती के समय में 1 घंटे का बदलाव किया है। यह अब सुबह 8.15 बजे की जा रही है। वहीं संध्या महाआरती एक घंटे पहले 5.15 बजे की जा रही है। राधा-रानी मंदिर की आरती के समय में हुआ बदलाव को निधिवन प्रस्थान 1 घंटे पहले 8 बजे कराया जा रहा है। सीताराम मंदिर, श्याम मंदिर, बालाजी मंदिर,टेंऊराम मंदिर, राज कॉलोनी स्थित शिव मंदिर में भी पोशाक, भोग, आरती समय में बदलाव किया गया