ध्वजारोहण से हुआ जिनागम सिद्ध भक्ति का आरम्भ

कामां (कमलेश जैन) सकल जैन समाज कामा द्वारा सिद्ध चक्र विधान का आयोजन श्री चन्द्रप्रभु जिनालय में किया जा रहा है जिसमे आज प्रथम दिवस विधान के आठ अर्घो से सिद्ध भगवान की भक्ति की गई भैया जी संकेत जैन शास्त्री के सानिध्य में विधान का आयोजन किया जा रहा है कलश यात्रा के साथ विधान का आरम्भ किया गया कलश यात्रा चन्द्रप्रभु जिनालय से सेठीन मंदिर से दीवान मंदिर होती हुई लाल दरवाजा से चनद्रप्रभु जिनालय पहुची नाचते गाते महिलाओं ने श्री जी के जयकरे लगाते हुए कलश यात्रा में भाग लिया इसके बाद विधान आयोजक 16 परिवार और इन्द्रो द्वारा मंगल कलश की स्थापना की गई आज सौधर्म इंद्र बनने का सौभाग्य इंद्राणी बनने का सौभाग्य रिंकेश जैन दीपा जैन बड़जात्या को प्राप्त हुआ मैना सुंदरी बनने का सौभाग्य सुधा जैन को प्राप्त हुआ सभी इन्द्रो द्वारा नृत्य द्वारा श्री जी की भक्ति की गई साय आज के सौधर्म इंद्र और राज श्रीपाल द्वारा भगवान की आरती की गई
भैया जी ने अपने प्रवचन में कहा कि इस जन्म के और पुराने जन्मों के पापो का प्रक्षालन सिद्ध भगवान की भक्ति से होता है आज प्राणी को अपने भावों से भक्ति का अनंत फल मिलता है जो प्राणी विषुद्ध भावों से जिनेन्द्र प्रभु की भक्ति करता है वह जल्द ही परम पद को प्राप्त करता है






