चैत्र शुक्ल प्रतिपदा नव वर्ष व राजस्थान दिवस तथा राजा विक्रमादित्य की जयंती पर आयोजित कवि सम्मेलन

तलवे चाटे जा रहे मान, पद प्रतिष्ठा के। आज शीश झुके जा रहे, नम्रता और शिष्टता के।।

Mar 31, 2025 - 17:31
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चैत्र शुक्ल प्रतिपदा नव वर्ष व राजस्थान दिवस तथा राजा विक्रमादित्य की जयंती पर आयोजित कवि सम्मेलन

रूपवास, (कौशलेन्द्र दत्तात्रेय)  शहर के प्रभाकर पार्क में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा नव वर्ष व राजस्थान दिवस तथा राजा विक्रमादित्य जयंती पर वीरांगना रूप कुंवर जन सांस्कृतिक मंच द्वारा मुख्य अतिथि भगवान दास गुप्ता शिक्षा अधिकारी व योगेंद्र कुमार शर्मा पूर्व प्रधानाचार्य की अध्यक्षता में तथा विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ शिक्षक नेता हरिशंकर शर्मा, राधेश्याम दाहिना, देवेंद्र गौड़ व ओम प्रकाश परमार के सानिध्य में विशाल कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। कवि सम्मेलन का शुभारंभ मां शारदे तथा राजा विक्रमादित्य के चित्र पर अतिथियों द्वारा माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जलन किया गया। वरिष्ठ कवि गीतम सिंह परमार द्वारा सरस्वती वंदना नमन करते हैं चरणों में की वीणा वादिनी वर दे सुनाई कवि सम्मेलन में वीर, हास्य, ओज एवं श्रृंगार रस की कविताओं में राणा सांगा, वीर शिवाजी की रचनाओं से श्रोताओं में ऊर्जा भर दी। राजस्थान के महान योद्धाओं के शौर्य पराक्रम व बलिदान को याद कर कविताएं सुना कर कवियों ने तालियां बटोरी। 
नन्हे बालकवि प्रणय शर्मा यश ने कविता के माध्यम से देशवासियों के नाम कविता नए साल में हमको एक नया इतिहास रचाना है, ऊपर हमको उठना है अब उत्साह न ये गिर न पाए, छेड़े ऐसा संगीत नया पूरी दुनिया ही जो गाए। सुनाकर खूब तालियां बटोरी। हेमेंद्र परमार मनु ने वीर रस की कविता तलवे चाटे जा रहे मान,पद,प्रतिष्ठा के आज शीश झुके जा रहे नम्रता और शिष्टता के सुनाकर श्रोताओं में ऊर्जा पैदा कर तालियां बजवाई ।कवि गोविंद सिंह सिरसोदा ने कहा उजवेगी आक्रांता बाबर कैसे बाप हो गया। कवि गीत कार दिनेश अनुभवी ने फूल से चोट हमने भी खाई मगर ,दुश्मनों से लड़ी थी लड़ाई मगर। संजय हिंदुस्तानी ने कहा गांव के मंदिर पर ,पीपल के नीचे बने चबूतरे पर, एक जमात भागती थी बच्चों की।कौशल गौड ने बेटी तुमको पढ़ना होगा, इस बार नया इतिहास रचना होगा।

देवेश राठौर ने कहा मैं भारत का भरत वंश हूं सब की जड़े दिला दूंगा कविता सुनाकर श्रोताओं से तालियां बजबाने को मजबूर कर दिया। अंकित गोला ने कहा सभ्यता का विकास क्या हुआ, जीवन हर ओर त्रास हुआ। वरिष्ठ कवि एवं गीतकार गीतम सिंह परमार ने कहा जिसने अपने सब छुपाऐ,आंचल में ,आज भारत की नारी आती है । संयोजक कवि ज्ञानीराम अज्ञानी ने जागजा लाडले अब तो सोना नहीं कविता सुनाकर श्रोताओं से तालियां बजवाई। युवा कवि योगेश कौशिक ने रचना के माध्यम से राजनेताओं पर प्रहार करते हुए कहा हिंदू जा के सूर्य शक्ति साहस के पुंज राणा। चोट ये लगी है आज मेरे राजस्थान पर। बोलो बोलो कुछ तो बोलो कब तक मौन रहोगे ,सुनाकर राणा सांगा के जयकारों से संभागार गूंज उठा। अंत में राणा सांगा के प्रति सांसद रामजीलाल सुमन द्वारा टिप्पणी करने पर समस्त हिंदू समाज का अपमान बताकर मंच द्वारा निंदा की गई ।संचालन युवा कवि योगेश कौशिक ने किया।

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