आपदा प्रबंधन तैयारियों को लेकर अतिरिक्त जिला कलक्टर ने ली अधिकारियों की बैठक

भरतपुर, (कौशलेन्द्र दत्तात्रेय) केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन की अनुपालना में युद्ध अथवा हवाई हमले, आपातकालीन, प्राकृतिक, मानव निर्मित और तकनीकी खतरों से आपदा प्रबंधन की तैयारियों को और अधिक सुदृढ़ करने के उद्देश्य से शुक्रवार को शहर अतिरिक्त कलक्टर राहुल सैनी ने कलेक्ट्रेट सभागार में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए।
बैठक में अतिरिक्त कलक्टर ने सभी विभागों द्वारा अब तक की गई तैयारियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ और जिला प्रशासन का मुख्य कार्य आपदाओं के दौरान बचाव, राहत अभियान और पुनर्वास करना है। उन्होंने जन जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यक्रमों का समय-समय पर प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक एवं सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए, ताकि लोग आपदाओं के प्रति अधिक जागरूक हो सकें। उन्होंने देश, समाज की सुरक्षा की दृष्टि से आमजन को भ्रामक सूचनाओं और अफवाहों से बचने तथा सतर्क रहने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने प्रभावी प्रशिक्षण अभ्यास और मॉक ड्रिल के माध्यम से प्रतिक्रिया क्षमताओं को बेहतर बनाने की बात भी कही।
अतिरिक्त कलक्टर ने सीएमएचओ को आपदा की स्थिति में अस्पतालों में रक्त की कमी न हो, इसके लिए ब्लड कैंप आयोजित करने की कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी अधिकारियों को आपसी समन्वय और तत्परता के साथ काम करने का आह्वान किया और कहा कि किसी भी प्रकार की आपदा की स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। पुलिस विभाग को संवेदनशील सूचनाओं के दुरुपयोग पर कड़ी निगरानी रखने और ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम जारी रखने के निर्देश दिए गए। पशुपालन विभाग को पशुधन की सुरक्षा और उनके इलाज की व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए कहा गया।
उन्होंने सरकार की योजनाओं और आपदा संबंधी जानकारियों को आमजन तक पहुंचाने के लिए सभी संभावित माध्यमों का उपयोग करने के निर्देश दिए। बीएसईएल/जेवीवीएनएल विभाग को ब्लैकआउट की स्थिति से निपटने के लिए अपनी योजनाओं को अद्यतन रखने और विद्युत तंत्र व्यवस्था को मजबूत करने, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को पर्याप्त मात्रा में दवाएं और एम्बुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया। नागरिक सुरक्षा विभाग को मॉक ड्रिल और जागरूकता कार्यक्रमों को नियमित रूप से आयोजित करने के निर्देश दिए गए, वहीं दमकल विभाग को अपने खराब उपकरणों को ठीक करने और कर्मचारियों को हर समय तैयार रहने के लिए कहा गया। जिला आपूर्ति अधिकारी को आवश्यक खाद्य सामग्री और ईंधन का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। शहरी स्थानीय निकायों को आश्रयों और सुरक्षित क्षेत्रों की पहचान को अंतिम रूप देने और पीएचईडी विभाग को गर्मी और आपातकालीन स्थिति में पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा गया।
अतिरिक्त कलक्टर ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपनी-अपनी कार्य योजनाओं को अंतिम रूप दें और यह सुनिश्चित करें कि सभी कर्मचारी आपदा प्रबंधन के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित और तैयार रहें। उन्होंने प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्राप्त कौशल और अनुभव को अपने घर, पड़ोसी और मित्रों के साथ भी साझा करने का आह्वान किया, जिससे जागरूकता कार्यक्रम एक श्रृंखला के रूप में संचालित हो सके। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और सभी विभागों के समन्वित प्रयासों से जिले में जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
बैठक के दौरान व्यापार मंडल, एनजीओ, पेट्रोल पंप संगठन, रोटरी क्लब और अन्य सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों सहित पुलिस विभाग के अधिकारियों ने भी अपने सुझाव दिए। बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामगोपाल, अधीक्षण अभियन्ता जेवीवीएनएल रामहेत मीणा, सीएमएचओ डॉ. गौरव कपूर, सचिव नगर निगम विजयप्रताप सिंह, बीईएसएल पीआरओ एसपी सिंह, सहायक अभियन्ता बीडीए मनोज पाराशर, शिवम शर्मा सहित विभिन्न विभागों एवं संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहे।






