हीरवाना नंदीशाला में कार्यकारिणी का गठन: सुरेश मीणा किशोरपुरा को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी
महंत लक्ष्मण दास महाराज के सानिध्य में दिलाई नवगठित कार्यकारिणी के पदाधिकारियों को शपथ,,,, 1 करोड़ 57 लाख की लागत से बनेगी हीरवाना गौशाला परिसर में नए डेवलपमेंट के साथ नंदीशाला
उदयपुरवाटी (झुञ्झूनु, राजस्थान/ सुमेरसिंह राव) श्री कृष्ण गौशाला हीरवाना-चंवरा में जिले की द्वितीय स्वीकृत नंदी शाला की कार्यकारिणी का गठन बामलास धाम के महंत लक्ष्मण दास महाराज के सानिध्य में किया गया। जिसमे महंत लक्ष्मण दास महाराज को संरक्षक का पदभार सौंपा गया। वहीं सेवा कार्यों में वर्षो से अग्रिम पंक्ति में रहने वाले किशोरपुरा के सुरेश मीणा को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया। उपाध्यक्ष पद पर सरपंच मोहनलाल सैनी किशोरपुरा, महेश शर्मा, रामचंद्र जांगिड़, महासचिव श्रीराम धाबाई, सचिव पद पर विक्रम सिंह शेखावत, उपसचिव पद पर सुमेर रावत, संगठन सचिव पर दीपचंद कड़ाला, श्रीराम मीणा, बुद्धिप्रकाश सोनी, गोपाल सिंह शेखावत, कोषाध्यक्ष पद पर नरेंद्र दाधीच, मीडिया प्रभारी पद पर जगदीश प्रसाद महरानियां आदि को नियुक्त किया गया। नवगठित कार्यकारिणी का शपथ ग्रहण कार्यक्रम हुआ जिसमे अध्यक्ष मीणा और गोशाला के संरक्षक लक्ष्मण दास महाराज ने पदाधिकारियो और सदस्यो को गो माता के लिए जिम्मेदारी और निष्ठा से काम करने की शपथ दिलाई। कार्यक्रम के दौरान गौशाला परिवार द्वारा नवगठित कार्यकारिणी का फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर गौमाता के दर्शन कर उन्हे सब्जियां और चारा खिलाया। इसी के साथ हर महीने की 1 तारीख को श्रमदान और कार्यकारिणी की मीटिंग रखने का प्रस्ताव पारित किया गया। गौरतलब है कि यह गौशाला 4.9 हेक्टर भूमि में बनी हुई है। यह भूमि पूर्व में चंवरा गांव की स्योकोरी देवी ब्राह्मणी के नाम से राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज थी। उन्होंने इस भूमि में धर्मार्थ एक कुआं भी बनवाया था जिससे आसपास के लोग पानी निकाल कर पीते थे। जिसे आज भी लोग ब्राह्मणी वाले कुएं के नाम से जानते हैं और यादाश्त के तौर पर वह कुआं आज भी गौशाला परिसर में मौजूद है। इसके बाद स्योकोरी देवी ने उक्त भूमि को पंच महाजन को धर्मार्थ के लिए सौंप दी। पंच महाजन ने 2001 में उक्त भूमि को गौशाला संरक्षक लक्ष्मण दास महाराज को भेंट कर दी। लक्ष्मण दास महाराज ने उक्त भूमि को श्री कृष्ण गौशाला के नाम हीरवाना के राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करा दी। धीरे-धीरे गौशाला का विस्तार होता गया और आज देखते ही देखते झुंझुनू जिले की सबसे बड़ी गौशाला बन चुकी है। जिसमें राजस्थान सरकार द्वारा नंदीशाला का निर्माण कार्य शुरू किया जा चुका है। इस दौरान मोहनदास, बनवारी लाल जांगिड़, संदीप गाडिया, कन्हैया लाल रावत, रामनिवास रावत, कालूराम सैनी, मुकेश कुमार शर्मा, मेघसिंह, बागाराम सैनी, विक्रम सैनी, महावीर खरबास आदि सहित कई ग्रामीण उपस्थित रहे।