सरकारी स्कूलों का स्तर बढ़ाना जरूरी - मंत्री राजेंद्रसिंह गुढ़ा
राउप्रावि को सी.सै. स्तर तक क्रमोन्नत कराने पर कार्यक्रम : बेटों को प्राईवेट स्कूल में पढ़ा लेते हैं लेकिन बेटियों को सरकारी स्कूल में भेजते हैं इसलिए स्तर बढ़ाना जरूरी – गुढ़ा
उदयपुरवाटी / गुढ़ागौड़जी (सुमेर सिंह राव)
सैनिक कल्याण, पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री राजेंद्रसिंह गुढ़ा ने कहा कि लोग अपने बेटों को अच्छी तालीम दिलाने के लिए धन खर्च कर देते हैं लेकिन बेटियों को सरकारी स्कूल में पढ़ाते हैं इसलिए सरकारी स्कूलों का स्तर बढ़ाना जरूरी है। वे सोमवार को राजकीय उप्रावि मालिकों की ढाणी स्कूल क्रमोन्नति कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
मंत्री गुढ़ा ने कहा कि मालियो की ढाणी में उच्च शिक्षा के अभाव में कई प्रतिभावान बेटियों को अपनी पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ी। अगर 20-30 साल पहले यह स्कूल क्रमोन्नत हो जाती तो हमारी कई बहिन बेटियां अधिकारी व कर्मचारी बन सकती थी। उन्होंने कहा कि इस स्कूल को आठवीं कक्षा से सीधा 12वीं में क्रमोन्नत करवाया गया है तो बच्चों के लिए पूरी व्यवस्था करेंगे।
मंत्री गुढ़ा ने कहा कि एक भी बच्चे को जमीन पर नहीं बैठने देंगे। जैसे-तैसे कैसे भी करके सरकार की किसी ना किसी योजना के तहत दो बड़े कमरों की व्यवस्थाएं करूंगा और एक सौ बच्चों को बैठाने के लिए फर्नीचर की व्यवस्था करूंगा। मंत्री गुढ़ा ने कहा कि अपना तो अपना ही होता है, वह अपने क्षेत्र का पूरा ध्यान रखता है और जो बाहरी आते हैं वो क्षेत्र लोगों को बेवकूफ बनाकर भाग जाते हैं। समारोह की अध्यक्षता चेयरमैन रामावतार दायमा ने की और विशिष्ट अतिथि सीबीईओ आत्माराम, रिटायर्ड प्रअ संतकुमार शर्मा, केड सरपंच रविराज सिंह, बालेंद्र कलौया, जितेंद्रसिंह शेखावत, मनीष दाधीच, सरपंच जयपाल सिंह आदि थे। उन्होंने इस मौके पर सुनारों की बगीची से स्वामियों की ढाणी तथा राम मंदिर से मुख्य सड़क तक सीसी सड़क का शिलान्यास भी किया। पीडब्लूडी के कनिष्ठ अभियंता अभिषेक परिहार ने बताया कि मुख्यमंत्री के पिछले बजट की घोषणा के अनुसार गुढ़ागौड़जी में करीब सवा दो करोड़ रुपए की लागत से 13 सड़कों का निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। उसके तहत करीब 35 लाख रुपए की लागत से दो सीसी सड़कों का शिलान्यास किया गया। इस मौके पर पार्षद शिव कुमार, विनोद कुमार, रामनिवास कुमावत, झब्बर सिंह चौधरी, बजरंगलाल, बिड़दीचंद कुमावत, मंगलचंद कुमावत, महेश कुमावत, गिरधारीलाल कुमावत, कालूराम, सीताराम कुमावत, नरसी कुमावत, रामावतार कलौया आदि मौजूद थे