प्रारंभिक शिक्षा में कार्यरत शिक्षकों को प्रा शिक्षा से माध्यमिक शिक्षा में लगाए जाने का विरोध: आदेश प्रत्याहरित किए जाने की मांग

May 15, 2023 - 06:59
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प्रारंभिक शिक्षा में कार्यरत शिक्षकों को प्रा शिक्षा से माध्यमिक शिक्षा में लगाए जाने का विरोध: आदेश प्रत्याहरित किए जाने की मांग

अलवर,राजस्थान(रितिक शर्मा)

राजस्थान शिक्षक संघ राधाकृष्णन व राधाकृष्णन शिक्षिका सेना राजस्थान के मुख्यमंत्री व शिक्षा विभाग के जानकार शिक्षा मंत्री  से 6 (3) नियम के तहत सेटअप परिवर्तन करते हुए प्रारंभिक शिक्षा में कार्यरत शिक्षकों को प्रा शिक्षा से माध्यमिक शिक्षा में  तृतीय श्रेणी L1 - L2 लेवल के शिक्षकों को लगाए जाने का विरोध करते हुए इस प्रक्रिया को तुरंत प्रभाव से रोकते हुए उक्त आदेश को प्रत्याहरित किए जाने की मांग करते हैं।

राम गोपाल मीणा जिलाध्यक्ष अलवर ने बताया कि राजस्थान शिक्षक संघ राधाकृष्णन व राधाकृष्णन शिक्षिका सेना का यह स्पष्ट मत है कि 6 (3) नियम जो कि पूर्व में 6 डी का नियम कहलाता था,वह इसलिए हुआ करता था कि पंचायत राज से शिक्षा विभाग के रिक्त पदों का 75%,शिक्षकों को उनकी सहमति के आधार पर शिक्षा विभाग में कार्य करने का अवसर प्रदान किया जाता था,(चूंकि पंचायत राज उस समय अलग विभाग था परंतु आज शिक्षा विभाग में प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा अब एक ही है) इसमें पंचायत राज की वरिष्ठता के आधार पर शिक्षकों की स्वेच्छा से सेटअप परिवर्तन किए जाने का प्रावधान था।

 साथ में यह प्रावधान इसलिए भी था क्योंकि माध्यमिक विद्यालय के तृतीय श्रेणी शिक्षकों को 5 वर्ष के अध्यापन अनुभव (माध्यमिक शिक्षा विभाग की कक्षाओं को पढ़ाने का होने) पर वह शिक्षा विभाग की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने की योग्यता अर्जित कर लेते थे यथा माध्यमिक विद्यालय का प्रधानाध्यापक वही बन पाता था जो माध्यमिक विद्यालय की कक्षाओं को 5 वर्ष का अध्यापन अनुभव रखता था। परन्तु गत कॉंग्रेस सरकार में यह नियम बाध्यता(5 वर्ष के माध्यमिक कक्षाओं के अध्यापन की)हटा दी गई थी,और प्रा. शिक्षा,पंचायतराज व माध्यमिक शिक्षा के अध्यापन अनुभव को बराबर मान लिया गया था। इस प्रकार पूर्व में पंचायत राज में और शिक्षा विभाग में दोनों ही विभाग में तृतीय श्रेणी के शिक्षकों की नई नियुक्तियां पूर्व में शिक्षा विभाग में होती रही है। परन्तु पिछली भाजपा सरकार में नियम परिवर्तित करते हुए यह नियम प्रतिपादित कर दिया गया कि माध्यमिक विद्यालय के तृतीय श्रेणी के समस्त रिक्त पदों को प्रारंभिक शिक्षा विभाग से सेटअप परिवर्तन कर भरा जाएगा तथा तृतीय श्रेणी के रिक्त पदों को नई नियुक्तियों से शत प्रतिशत प्रारंभिक शिक्षा के रिक्त पदों पर ही लगाया जाएगा।

 इस प्रावधान से पूर्व में कार्यरत प्रारंभिक शिक्षा के शिक्षकों के समक्ष पिछले वर्षों से जबरदस्ती सेटअप परिवर्तन की तलवार 6(3) /6 डी नियम के तहत चलाई जा रही है इससे हजारों हजार शिक्षक गत वर्षों से आज तक प्रभावित हुए हैं तथा वर्तमान के जारी आदेशानुसार लगभग 26000 शिक्षकों को और परेशान करने की पूरी तैयारी विभाग द्वारा की गई है। राजस्थान शिक्षक संघ राधाकृष्णन व राधाकृष्णन शिक्षिका सेना शिक्षा विभाग की इस नीति का विरोध करता है कि 'नई नियुक्तियां माध्यमिक शिक्षा विभाग में नहीं की जाएगी ।।'

संगठन का राज्य सरकार से प्रश्न है कि ऐसा क्यों ??

जब नई नियुक्तियों से द्वितीय श्रेणी के वरिष्ठ अध्यापकों को माध्यमिक विद्यालय में लगाया जाता है, व्याख्याताओं को नई नियुक्तियों में माध्यमिक विद्यालय में लगाया जाता है तो तृतीय श्रेणी के शिक्षक को सीधे माध्यमिक विद्यालय के विद्यालयों में क्यों नहीं लगाया जा सकता !

 यह नियम परिवर्तित करने की सख्त आवश्यकता है।

 प्रारंभिक शिक्षा विभाग एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग दोनों में जो पद की रिक्तियां रहे उन पर नई नियुक्तियों से शिक्षकों को लगा दिया जाए, इसमें किसी प्रकार की कोई विषमता दिखाई नहीं देती। साथ ही गौर तलब है कि माध्यमिक शिक्षा विभाग में तृतीय श्रेणी के शिक्षक को अध्यापन के लिए प्रारंभिक शिक्षा विभाग में अध्यापन का कितने वर्षों का अनुभव हो तो ही वह माध्यमिक शिक्षा में आ सकता है ऐसा भी कहीं प्रावधान अंकित नहीं है । जब यह प्रावधान अंकित नहीं है तो सीधी भर्ती से तृतीय श्रेणी के नवनियुक्त शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा विभाग के रिक्त पदों पर भी लगाया जा सकता है। गौरतलब है कि पिछले शासनकाल में जब से यह नियम लागू हुआ अनेकों न्यायालय प्रकरण भी हुए और माननीय न्यायालय द्वारा कई प्रकरणों में सेटअप परिवर्तन पर रोक लगाते हुए उन्हें पुनः प्रारंभिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में ही समायोजित करने के आदेश प्रदान किए गए । इस बार भी इस प्रक्रिया का पत्र जारी होते ही प्रा. शिक्षा विभाग के शिक्षकों में जो कि वर्तमान में प्रारंभिक शिक्षा विभाग में कार्यरत है उनमें असंतोष व हलचल है और वह अनावश्यक रूप से अपने स्थान परिवर्तन को लेकर डरे हुए सहमे हुए हैं।

 राज्य सरकार जहां एक और अनावश्यक रूप से कर्मचारियों को परेशान ना करने की बार-बार घोषणा करती है ऐसे में यह प्रक्रिया राजस्थान सरकार के कर्मचारी हितेषी निर्णयों पर कुठाराघात साबित होगी,26000 की संख्या छोटी संख्या नहीं होती ऐसे में अनावश्यक रूप से जो सेटअप परिवर्तन नहीं चाहते है उन्हें भी सेटअप परिवर्तन करके माध्यमिक विद्यालय के पदों पर समायोजित किया जाना उचित प्रतीत नहीं होता ।

राजस्थान शिक्षक संघ राधाकृष्णन व राधाकृष्णन शिक्षिका सेना माननीय मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से यह निवेदन करतें है कि कृपया इस आदेश को प्रत्याहरित कर इस प्रक्रिया को पुनर्विचार कर संशोधित करने का श्रम करावे,जिसमें प्रारंभिक शिक्षा के समस्त पदों को नई भर्ती से भरने के स्थान पर नियम संशोधन करते हुए प्रारंभिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा में रिक्त पदों को नई नियुक्ति से भरा जा सकेगा का नियम संशोधन करें एवं प्रारंभिक शिक्षा से माध्यमिक शिक्षा में समायोजन के लिए शिक्षकों से विकल्प पत्र भरवाए जाए जैसा कि पूर्व में होता था । राजस्थान शिक्षक संघ राधाकृष्णन व राधाकृष्णन शिक्षिका सेना को यह विश्वास है कि वर्तमान समय में राजस्थान में कर्मचारी हितैषी सरकार है  मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री सहृदयता से इस गंभीर विषय पर मनन करके अनावश्यक रूप से शिक्षकों को परेशान करने वाली इस प्रक्रिया को रोकते हुए इसमें संशोधन करेंगे।।

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