तहसीलदार ने दी 14 वृक्ष काटने की अनुमति: ठेकेदार ने काटे 4 दर्जन
कटी हुई लकड़ी तहसील कार्यालय में लानी थी पर देवली पालिका परिसर में रखवाई
जहाजपुर (भीलवाडा, राजस्थान/ आज़ाद नेब) हरित राजस्थान योजना के तहत रोड़ किनारों पर लगे सालों पुराने विशालकाय वृक्षों पर बद नियति की कुल्हाड़ी चलने से पर्यावरण को नुकसान तो पहुंचा साथ ही तहसीलदार द्वारा दी गई अनुमति की भी ठेकेदार ने सरेआम धज्जियां उड़ाई। टोंक जिले की देवली नगर पालिका फेरा फेरी की आड़ में जहाजपुर तहसील की भूमि से विशालकाय 4 दर्जन से अधिक हरे वृक्षों कटाई हो जाने के बाद भी स्थानीय प्रशासन गहरी नींद सो हुआ है ।
मामला यह है कि हनुमाननगर थाना क्षेत्र में रोड निर्माण कार्यों की आड़ में दर्जनों प्रतिबंधित हरे वृक्षों को काटने एवं प्रतिबंधित हरे वृक्ष काटे जाने की मिली मंजूरी से कई गुना अधिक हरे वृक्ष काटकर पर्यावरण को दूषित बनाने ओर हरे वृक्ष संपत्ति पर मालिकाना हक जहाजपुर तहसील का है। लेकिन हर वृक्षों को काटे जाने की मनमानी देवली नगरपालिका के ठेकेदार द्वारा की जा रही है। वही हरे वृक्षों को काटे जाने के बाद हरे वृक्षों की लकड़ियों पर देवली नगरपालिका अनैतिक रूप से मालिक बन गई। यहां ऐसे बने हालातों पर स्थानीय प्रशासक के कान में जूं तक नहीं रेंगी। क्षेत्र के पर्यावरण को लेकर मामला गंभीर है। इसलिए कि संबंधित विभाग ने प्रतिबंधित हरे वृक्षों को काटे जाने कार्य पर वीडियो तक नहीं बनवाए हैं। तो वहीं अनुमति प्रदान करने वाले तहसील कार्मिकों ने भी वृक्षों से लदे हुए हरित क्षेत्र का निरीक्षण तक करना उचित नहीं समझा। अधिकारियों की अनदेखी के कारण रोड निर्माण ठेकेदार द्वारा यहां अनैतिक रूप से हरे वृक्षों पर कुल्हाड़ी चलाई जा रही है। इस मामले में जानकारी यह भी सामने आई है कि। उक्त रोड निर्माण कार्य में बाधा बन रहे केवल 14 हरे वृक्षों को ही काटने की अनुमति तहसील कार्यालय से दी गई थी। इसके बावजूद रोड निर्माण कार्य के ठेकेदार ने लगभग 4 दर्जन से अधिक हरे वृक्षों की कटाई करके हरे वृक्षों को खुर्द बुर्द कर दिया। रोड निर्माण कार्य की आड़ में जिन प्रतिबंधित एवं गैर प्रतिबंधित हरे वृक्षों पर कुल्हाड़ी चलाई गई है। इस मामले में रोड निर्माण ठेकेदार की बदनियति और भ्रष्टाचार साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। यहां रोड निर्माण की आड़ में अनैतिक रूप से हरे वृक्षों को काटे जाने के मामले में राज्य सरकार के हरित राजस्थान योजना अधिनियम पर बनाए गए कानून की जमकर धज्जियां उड़ाई रही है। जिसको देखकर भी जिम्मेदार मौन बने हुए हैं। रोड निर्माण ठेकेदार हरे वृक्षों की बलि लेता जा रहा है। इतना ही नहीं अनैतिक रूप से काटे गए वृक्षों का जायजा पर्यावरण कमेटी ने भी लेना उचित नहीं समझा।
इंद्रजीत सिंह (तहसीलदार जहाजपुर) का कहना है कि- जहाजपुर तहसील के अधीनस्थ कोटा मार्ग पर देवली नगर पालिका द्वारा रोड चौड़ा कराए जाने का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। उक्त कार्य में बाधा बन रहे 14 पेड़ों को काटने की अनुमति तहसील कार्यालय से दी गई है। उक्त हरे वृक्ष संपत्ति पर तहसील का अधिकार है। देवली नगर पालिका को उक्त संपत्ति सीधे तहसील कार्यालय में जमा करवाने के लिए कहा गया है। लेकिन अब तक देवली नगरपालिका ने अनुमति प्रदान पेड़ों की कटाई के बाद पेड़ों की लकड़ी तहसील कार्यालय में जमा नहीं करवाई है। पेड़ों की कटाई पर दी गई अनुमति से अधिक पेड़ काटने की जानकारी पर मामले की जांच करवाई जाएगी।
सुरेश कुमार मीणा (अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका देवली) का कहना है कि- देवली नगर पालिका द्वारा कोटा रोड पर रोड चौड़ा करने का निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। कार्य में बाधा बन रहे वृक्षों की कटाई की अनुमति जहाजपुर तहसील कार्यालय से ली गई है। वही रोड निर्माण में बाधा बन रहे पेड़ों की कटाई के बाद प्राप्त लकड़ियों को नगर पालिका परिसर में रखवा दिया गया है। जिन की नीलामी कराई जाएगी।