प्रशासन की सजगता से दस्तावेजों में फेरबदल व जालसाजी कर पेंशन उठाने के प्रयास में ई-मित्र संचालक बहादुर सिंह के खिलाफ मामला दर्ज

तहसील क्षेत्र में गत छह माह में स्वीकारे गए आवेदनों की जांच शुरू

Sep 25, 2020 - 15:32
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प्रशासन की सजगता से दस्तावेजों में फेरबदल व जालसाजी कर पेंशन उठाने के प्रयास में ई-मित्र संचालक बहादुर सिंह के खिलाफ मामला दर्ज

भीलवाड़ा, राजस्थान
मांडल (भीलवाड़ा) - सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का फायदा लेने के लिए लोभियों ने पहचान पत्र में 5 से 11 वर्ष तक फर्जी तरीके से बदलाव कर फर्जीवाड़ा किया गया
आवेदन सत्यापन के दौरान दस्तावेजों की प्रमाणिकता पर संदेश होने पर पुनः जांच की गई, दुबारा जांच में फर्जीवाड़ा पकडे जाने पर पेंशन आवेदन निरस्त कर दिए।  साथ ही ई-मित्र संचालक को ब्लेक लिस्ट कर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। अब मांडल तहसील में गत छह माह में स्वीकार किए गए आवेदनों की जांच शुरू कर दी गई।

एक और अन्य मामले में जाति-प्रमाण पत्र बनाने के लिए पटवारी के फर्जी दस्तखत अपलोड कर दिए। धुंवाला (मांडल) एवं आलमास के पेंशन आवेदनकर्ताओं ने उम्र सत्यापन समय फर्जी तरीके से तैयार पहचान पेश कर दिए। जिनके आधार पर ही उम्र का सत्यापन किया गया, लेकिन संदेह होने पर दुबारा जांच करने पर पहचान पत्रों के फर्जी होना पाया गया।
इसमें जाति प्रमाण पत्र के आवेदन में पटवारी के अन्य फार्म के हस्ताक्षर स्केन करके फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिए। चैनपुरा के शंभु सिंह ओबीसी का प्रमाण पत्र बनवाने के लिए ई मित्र संचालक के यहां दस्तावेज अपलोड करवाएं। जिसमें पटवारी की रिपोर्ट पर हस्ताक्षर नहीं करवाएं थे। इस पर ई मित्र संचालक ने अन्य आवेदन से पटवारी के हस्ताक्षर स्केन कर जाति प्रमाण पत्र के आवेदन पर अपलोड कर दिए।
तहसीलदार की रिपोर्ट के अनुसार, आलमास के लादूलाल की वास्तविक उम्र 54 है, जिसे 59 साल, हगाम देवी की वास्तविक उम्र 50 जिसे बढा़कर 55 साल कर दी। इसी प्रकार काशीराम जी खेड़ी की भेरी देवी की वास्तविक उम्र 49 को 55 साल, सुखदेव की 51 से 58, भीमा राम की 45 से 61 साल एवं बाली देवी की वास्तविक उम्र 44 साल है जिसे फर्जी तरीके से बढा़कर 56 साल कर दी गई। बदनौर उपखंड अधिकारी ने ई-मित्र संचालक बहादुर सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दी

सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त निदेशक सत्यदेव व्यास ने बताया कि फर्जीवाड़ा करने पर ई-मित्र संचालक बहादुर सिंह को 15 दिन निष्क्रिय कर दिया। संबंधित एसडीएम को फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आवेदन कर्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। व्यास ने बताया कि किसी ई-मित्र के जालसाजी करने पर इसकी जिम्मेदारी एलएसपी को होगी।

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