125 साल में पहली बार बंद हुए मंदिर, पूजा व दर्शनों को तरसे श्रद्धालु

बयाना उपखंड सहित भरतपुर जिले के प्रमुख आस्थाधाम श्रीकैलादेवी झीलकाबाडा का प्राचीन कैलादेवी मंदिर भी दो माह से बंद है।कोरोना संकट व लाॅकडाउन के चलते इस प्रमुख मंदिर के पट व ताले गत 21 मार्च से बंद है। बुज़ुर्गों ने बताया कि उनकी 90 वर्ष की आयु में इस तरह मंदिर बंद होते कभी नही देखे ना ही उन्होंने अपने बुजुर्गों से कभी इस तरह मंदिर बंद रखने के बारे में कभी सुना था।

May 23, 2020 - 21:03
 0
125 साल में पहली बार बंद हुए मंदिर, पूजा व दर्शनों को तरसे श्रद्धालु

बयाना भरतपुर

बयाना 23 मई। वैश्विक महामारी कोरोना संकट के चलते दो माह से बयाना उपखंड सहित भरतपुर जिले के तमाम प्रमुख मंदिरों के पट बंद व दरवाजों पर ताले लगे होने से श्रद्धालु भक्त अपने भगवान के दर्शनों और सेवा पूजा व आरती के लिए भी तरस गए है। संकट की इस घडी में अपने भगवान के दर्शनों व उनकी कृपा पाने के लिए मंदिर तक आने वाले श्रद्धालु भक्त मंदिर के पट बंद और ताले लगे देखकर निराश होकर लौट जाते है। हालांकि इन मंदिरों में सुबह शाम की पुजारी की ओर से की जाने वाली सेवा पूजा पट बंद करके ही मंदिर के अंदर ही अंदर सादगी के साथ की जा रही है।

 इस आरती दर्शन के लिए भी श्रद्धालु भक्त तरस गए है। बयाना उपखंड सहित भरतपुर जिले के प्रमुख आस्थाधाम श्रीकैलादेवी झीलकाबाडा का प्राचीन कैलादेवी मंदिर भी दो माह से बंद है।कोरोना संकट व लाॅकडाउन के चलते इस प्रमुख मंदिर के पट व ताले गत 21 मार्च से बंद है। बुज़ुर्गों ने बताया कि उनकी 90 वर्ष की आयु में इस तरह मंदिर बंद होते कभी नही देखे ना ही उन्होंने अपने बुजुर्गों से कभी इस तरह मंदिर बंद रखने के बारे में कभी सुना था। मंदिर के पुजारी बृजकिशोर शर्मा मंदिर के पट बंद रखकर माता कैलादेवी की नियमित पूजा आरती करते है। उन्होंने बताया कि देवस्थान विभाग के निर्देशानुसार गत 21 मार्च से इस मंदिर के पट व श्रद्धालुओं का मंदिर प्रवेश बंद है। कोरोना संकट के चलते इस बार वहां वार्षिक मेले का भी आयोजन नही हो सका था। कैलादेवी का यह प्राचीन मंदिर बयाना भरतपुर रोड पर बयाना से 15 किमी व भरतपुर से 30 किमी दूर अरावली पर्वत माला की गोद में स्थित घने जंगलों में करीब 125 वर्ष पूर्व भरतपुर के तत्कालीन महाराजा की ओर से बनवाया गया था। इस मंदिर परिसर में ही करीब 100 वर्ष पूर्व महाराजा किशनसिंह की ओर से रविकुंड सरोवर का निर्माण कराया गया था। इस मंदिर में विराजित चमत्कारी माता श्रीकैलादेवी भरतपुर राज परिवार की कुलदेवी के रूप में पूजी जाती है। जो महालक्ष्मी का रूप बताई जाती है। लोकमान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में श्रीकैलादेवी के चरणों में मात्र बीडा पान बताशे चढाकर श्रद्धा से मन्नत मांगी जाए तो देवी उसे अवश्य पूरी करती है। देवस्थान विभाग के सहायक कमिश्नर के के खंडेलवाल ने बताया कि कोरोना संकट के चलते विभागीय निर्देशानुसार श्रीकैलादेवी झीलकाबाडा के प्राचीन मंदिर सहित भरतपुर जिले के देवस्थान विभाग की ओर से संचालित व प्रबंधित सभी 34 मंदिरों के पट बंद है। जो विभागीय निर्देशानुसार समय आने पर ही खोले जा सकेंगे। इन सभी मंदिरों में नियमित पूजा सेवा का काम जारी है। किन्तु श्रद्धालुओं व दर्शनार्थीयों का प्रवेश बंद है। बताया जाता है सवा सौ साल के इतिहास में झीलकाबाडा का यह मंदिर पहली बार इस तरह इतने दिनों तक बंद रखा गया है।

बयाना से राजीव झालानी की खास रिपोर्ट

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow