अतिराम सागर से गन्दा पानी की निकासी का शुभारंभ
- सागर से हलैना कैनाल में डाला जाएगा पानी, पानी निकासी की ट्रायल सफल
वैर भरतपुर...जिला परिषद भरतपुर के सीईओ वीरेन्द्र सिंह एवं अधिशाषी अभियंता हरी शर्मा आदि अधिकारियों ने गत दिन कस्वा हलैना के अतिराम सागर की हालत देख सागर में भरे गन्दा पानी निकासी तथा जीर्णोद्वार का प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए,जिनकी पालना करते हुए ग्राम पंचायत ने शुक्रवार को गन्दा पानी निकासी को पम्प लगाया और सागर के गन्दा पानी को हलैना कैनाल मेें डाला जाने का निर्णय लेकर पम्प की ट्रायल ली और शनिवार से सागर का नियमित पानी निकासी शुरू की जाएगी। जिसकी सफलता को हलैना के सरपचं दीपेश कुमार जाटव,जेटीओ बृजेश कुमार,ग्राम विकास अधिकारी श्यामलाल,सरपचं प्रतिनिधी मोहनसिंह डीलर आदि ने सागर एवं पम्प व्यवस्था का निरीक्षण किया। सागर से पानी निकासी व्यवस्था को लेकर कस्वा के लोगों ने खुशी प्रकट की। सरपंच दीपेश कुमार जाटव ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने आदेशानुसार 8 अप्रेल को जिला परिषद के सीईओं वीरेन्द्र सिंह,अधिषाशी अभियंता हरी शर्मा,वैर के विकास अधिकारी गिर्राजप्रसाद बुनकर, सहायक अभियंता गोविन्द गर्ग आदि ने कस्वा के अतिराम सागर का निरीक्षण किया,जिन्होने सागर से गन्दा पानी निकासी,सागर के जीर्णोद्वार का प्रस्ताव,सागर में गन्दा पानी पर रोकथाम आदि के निर्देश दिए,जिनकी पालना करते हुए 26 अप्रेल को सागर से गन्दा पानी निकासी को पम्प लगाया गया,जिससे सागर का गन्दा पानी हलैना कैनाल में डाला जाऐगा। पानी निकासी व्यवस्था को 26 अप्रैल को पम्प की ट्रायल ली,जो सफल रही। अब सागर से 27 अप्रेल से नियमित पानी निकासी की जाएगी। उसके बाद सागर का जीर्णाद्वार कराया जाऐगा।
- सागर में गन्दा पानी व कचरा डाला तो अब नही खैर
ग्राम विकास अधिकारी श्यामलाल जाटव ने बताया कि अतिराम सागर का साल 1702 में भरतपुर रिसायत के संस्थापक महाराजा सूरजमल के चचेरे भाई ठाकुर अतिराम सिंह ने निर्माण कराया था,देश की आजादी से साल 1995 तक सागर को बाणगंगा नदी में पानी की आवक होने पर भरा जाता था। 1996 से आज तक बाणगंगा नदी में पानी की आवक नही होने से सागर पानी से नही भरा गया। उसके बाद से केवल बरसात का पानी सागर में एकत्रित हो जाता। साथ ही कस्वा के कुछ लोगों के घर व शौचालय का पानी सागर में डाला जाने लगा। उन्होने बताया कि 27 अप्रेल से सागर से गन्दा पानी निकासी शुरू हो रही है और गन्दा पानी व कचरा डालने वालों लोगों की सूची तैयार की जा रही है,उन्हे नोटिस जारी होने और अब सागर में गन्दा पानी व कचरा डाला गया तो उसकी खैर नही,उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाही कर पुलिस में मामला दर्ज कराया जाऐगा।
- अतिराम सागर के आए अच्छे दिन
भरतपुर रिसायत के संस्थापक महाराजा सूरजमल के चचेरे भाई ठाकुर अतिराम सिंह ने 1702 में काला पहाड के पत्थरों से भव्य सागर का निर्माण कराया,सागर में चार बडी व आठ छोटी छत्तरी,दो मंजिला जल महल,भूमिगत सुंरग,जल भराव नाला,सागर किनारे चार कुएं,पाचं मन्दिर,एक मस्जिद आदि का निर्माण कराया। साल 1985 तक सागर के पानी से मालपूए बनाए जाते और साल 1995 तक स्वच्छ जल भराव रहता। सागर में लोग स्नान करते और पूजा-पाठ आदि के काम सागर के पानी का उपयोग करते। 1996 से आज तक सागर की हालत दयनीय हो गई,अब कस्वा के लोगों को सागर से गन्दा पानी निकासी का शुभारम्भ एवं गन्दा पानी व कचरा की रोकथाम किए जाने से विश्वास हो गया कि सागर के अब अच्छे दिन आ गए।