महा पुण्यकारी पर्व गंगा दशहरा 16 जून को
लक्ष्मणगढ़ (अलवर) कमलेश जैन
हर वर्ष ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। गंगा दशहरा के दिन भक्त ब्रह्म बेला में गंगा स्नान के बाद विधि-विधान से मां गंगा की पूजा करते हैं। योग शिक्षक पंडित लोकेश कुमार ने बताया कि गंगा दशहरा पर्व पर गंगा माता की पूजा-अर्चना की जाती है। भक्त ब्रह्म बेला में गंगा स्नान के बाद विधि-विधान से मां गंगा की पूजा करते हैं मान्यता है कि इसी दिन माता गंगा का धरती लोक पर अवतरण हुआ था और देव लोक से धरती पर आई इस पवित्र नदी में स्नान करने से मनुष्य जाति के सभी पाप धुल जाते हैं।
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 16 जून को देर रात 2 बजकर 32 मिनट से शुरू होकर 17 जून को ब्रह्म बेला 4 बजकर 43 मिनट तक रहेगी. गंगा दशहरा 16 जून को ही मनाया जाएगा । इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है। इन योगों में गंगा स्नान और दान-पुण्य से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
गंगा दशहरा का महत्व
शास्त्रों में वर्णन है कि गंगा स्नान करने से पाप, रोग, दोष और विपत्तियों से मुक्ति मिल जाती है। पवित्र गंगा नदी में स्नान करने का महत्व और बढ़ जाता है। माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान से उन दस मुख्य पापों से मुक्ति मिल जाती है जो पुण्य प्राप्ति में बाधक होते हैं। इनमें दैहिक पाप, वाणी पाप और मानसिक पाप शामिल हैं।