रिलेशनशिप में धोखा दिया तो हो सकती है जेल

Jul 8, 2024 - 19:37
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रिलेशनशिप में धोखा दिया तो हो सकती है जेल

लक्ष्मणगढ़ (अलवर ) कमलेश जैन 

भारतीय न्याय संहिता बीएनएस की धारा 69 में धोखे से किसी महिला के साथ संबंध बनाने को अपराध माना है‌। लेकिन इसमें 'धोखे या छल' को जिस तरह परिभाषित किया है। उससे पुरुषों को खासतौर पर अत्याचार का सामना करना पड़ सकता है।
 धारा 69 में क्या प्रावधान हैं
धारा 69 में दोषी को 10 साल की जेल की सजा हो सकती है‌।
भारतीय न्याय संहिता बीएनएस ने 1 जुलाई 2024 से आईपीसी की जगह ले ली है। नए कानूनों में कुछ ऐसे अपराधों को शामिल किया गया है, जिनका पुराने आईपीसी में सीधे तौर पर जिक्र नहीं था। उनमें से एक है शादी का झूठा वादा करके किसी महिला से संबंध बनाना। इसका प्रावधान सेक्शन 69 में है। कानूनी विशेषज्ञों की राय है कि धारा 69 ने एक तरह से रिलेशनशिप में धोखा देने को गैरकानूनी बना दिया है।
बीएनएस में कुल 19 चैप्टर हैं। इसके 5वें चैप्टर का टाइटल है – ‘महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध’. सेक्शन 69 इसी चैप्टर का हिस्सा है और इसे यौन अपराधों की श्रेणी में रखा गया है।
भारतीय न्याय संहिता बीएनएस का सेक्शन 69 क्या है?
भारतीय न्याय संहिता 2023 का सेक्शन 69 छल या धोखा देकर किसी महिला के साथ संबंध बनाने को अपराध बताता है। इसमें लिखा है, ‘किसी महिला को धोखा देकर उसके साथ यौन संबंध बनाने पर दोषी को 10 साल तक की जेल की सजा दी जा सकती है। अगर कोई व्यक्ति बिना किसी इरादे के किसी महिला से शादी करने का वादा करके यौन संबंध बनाता है, तो उसे भी सजा दी जाएगी। साथ ही दोषी को जुर्माना भी देना होगा। यह धारा उन मामलों में लागू होगी जो रेप की श्रेणी में नहीं आते।
क्यों हो रहा है बीएनएस सेक्शन 69 पर विवाद?
धारा 69 में ‘छल’ को जिस तरह परिभाषित किया है। उसके कारण खासतौर पर पुरुषों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ सकता है। धारा 69 में ‘छल’ का स्पष्टीकरण दिया हुआ है। जिसमें रोजगार या प्रमोशन का झूठा वादा, प्रलोभन और पहचान छिपाकर शादी करना शामिल है।
पहले जहां ज्यादातर लोगों की अरेंज्ड मैरिज हुआ करती थी। वहीं आजकल शादी से पहले लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के कॉन्सेप्ट को मान्यता मिल रही है। लिव-इन रिलेशन में शादि किए बिना लड़का और लड़की एक दूसरे के साथ पति-पत्नी की तरह एक ही घर में रहते हैं। इस दौरान कपल्स इस बात का आकलन करते हैं कि वे जीवन भर एक दूसरे के साथ रहना पसंद करेंगे या नहीं। लेकिन हर लिव-इन रिलेशन सफल नहीं होता।
अगर रिश्तों में खटास होती है, तो बीएनएस सेक्शन 69 के तहत महिलाओं के पास अपने पार्टनर को जेल भेजने की पावर आ जाती है। जबकि पुरुषों के संरक्षण के लिए कोई प्रावधान नहीं है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बीएनएस की धारा 69 विश्वसनीय सबूत के बिना पुरुषों को गिरफ्तार करना आसान बना सकती है।
धारा 69 की थी सख्त जरूरत
वरिष्ठ एडवोकेट अजय कुमार जैन ने कहा कि धारा 69 में छल के तौर पर ‘पहचान छिपाने को शामिल करना काफी जरूरी है। उन्होंने कहा, हमारे देश में पुरुषों द्वारा महिलाओं का शोषण किया जा रहा है। जो उनसे शादी का वादा करके उनके साथ यौन संबंध बनाते हैं। अगर वादा करते समय पुरुषों का शादी करने का कोई इरादा नहीं था तो यह एक अपराध है।
हालांकि, वरिष्ठ वकील ने प्रमोशन या रोजगार के झूठे वादे को इसमें शामलि करने पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि शादी के वादे को प्रमोशन के वादे के साथ नहीं जोड़ा जा सकता क्योंकि शादी का वादा प्यार, विश्वास पर आधारित है, जबकि रोजगार/प्रमोशन का वादा वो लाभ हैं जिन्हें महिलाएं यौन संबंध के बदले में स्वीकार कर रही हैं। यह म्यूचुअल बेनेफिट यानी दोनों के फायदे का रिश्ता है।

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