वनों को बचाने के लिए आरी व कुल्हाड़ी छोड़नी होगी - मीणा
थानागाजी (अलवर) प्राकृतिक वनस्पतियों के नष्ट होने के साथ बड़ते प्रदुषण तथा ग्लोबल वार्मिंग से आज प्रत्येक व्यक्ति जीव जन्तु परेशान सा दिखाई देने लगा है वहीं हमारे नदी नाले मृत्यु की संय्या पर लेटे हुए तड़प रहें हैं जिन्हें समझते हुए एल पी एस विकास संस्थान द्वारा संचालित जीवन जतन यात्रा आज राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गढबसई पहुंची जहां पर्यावरणविद् राम भरोस मीणा ने छात्रों को बताया कि धरती पर आज सभी प्राकृतिक संसाधन नष्ट होने के कगार पर पहुंच गए हैं हमें इनको बचाने के लिए मिलकर काम करना होगा, आरी व कुल्हाड़ी छोड़नी होगी अन्यथा प्रकृतिप्रदत्त सभी संसाधन उस गति से नष्ट हो रहे हैं कि आने वाले समय में मानव ही नहीं सम्पूर्ण मानवीय सभ्यताओं का विनाश होने से कोई नहीं बचा सकेगा। इन्होंने यह भी कहा की हमें धरती के दुःख को समझना चाहिए, उसे आराम देने के लिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना नदियों पहाड़ों को बचाने के साथ जल तथा जानवरों को सरंक्षण देना चाहिए जिससे हमारा प्राकृतिक संतुलन बना रह सके, आने वाले समय में हम सुरक्षित रह सके।
विद्यालय के प्राचार्य रामशरण मीना ने बच्चों को प्रकृति संरक्षण हेतु संस्कृत के स्लोग सुनाते हुए प्रत्येक बच्चे को एक पेड़ लगाने तथा उन्हें पालने की ज़िम्मेदारी देते हुए शपथ दिलाई की हम जीवन में उन सभी प्राकृतिक संसाधनों कों बचाकर रखेंगे जों हमें जीवन्त रहने के लिए आवश्यक है, वरिष्ठ अध्यापक व व्याख्यात जीवन राम वर्मा, संतोष कुमार शर्मा, राम देवी, कविता, राधेश्याम व अध्यापक यादराम सहित सभी विद्यालय परिवार उपस्थित रहा। कार्यक्रम के अंत में वृक्षारोपण कार्य क्रम के साथ वृक्षों के रक्षा सूत्र बांधकर उज्वल भविष्य की कामना की गई।