डा. हेडगेवार स्मृति सेवा प्रन्यास द्वारा संचालित महाराणा प्रताप छात्रावास का लोकार्पण समारोह आयोजित
भरतपुर (कौशलेन्द्र दत्तात्रेय) बीरेंद्र बिष्ट से प्राप्त जानकारी डां. हेडगेवार स्मृति सेवा प्रन्यास द्वारा संचालित महाराणा प्रताप छात्रावास का लोकार्पण समारोह आयोजित हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ .स्वामी कौशल किशोर दास महाराज, पीठाधीश्वर, सिद्ध पीठ श्रीलाल जी मंदिर खोहरी, मुख्य वक्ता, दुर्गादास जी, अखिल भारतीय घुमंतू कार्य प्रमुख एवं अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विशिष्ट अतिथि बाबूलाल जी, प्रांत प्रचारक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, एवं अध्यक्ष ताराचंद गोयल रहे । मां सरस्वती, मां भारती एवं महाराणा प्रताप के चित्रों के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित एवं माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। स्वागत महाराणा प्रताप छात्रावास के अध्यक्ष शंकर अग्रवाल, संरक्षक गोविन्द गुप्ता तथा
कार्यकारिणी सदस्य योगेश कुमार शर्मा द्वारा मुख्य अतिथि डॉ.स्वामी कौशल किशोर दास जी महाराज का स्वागत करते हुए अन्य सभी अतिथियों का भी महाराणा प्रताप छात्रावास समिति द्वारा स्वागत किया गया। समिति के अध्यक्ष शंकर अग्रवाल ने बताया कि इस छात्रावास में गाड़िया लुहार,नट, बंजारा, सपेरा, जोगी,मदारी इत्यादि 12 घुमंतू जातियों के बच्चे इस छात्रावास में रहकर पढ़ाई लिखाई करेंगे। छात्रावास में सभी बच्चों के रहने, खाने-पीने, पोशाक, पुस्तक तथा शुल्क इत्यादि की व्यवस्था इस महाराणा प्रताप छात्रावास द्वारा सामाजिक सहयोग से की जाएगी। अगर इन बच्चों के लिए उच्च या व्यावसायिक शिक्षा की आवश्यकता होगी तो उसकी समस्त व्यवस्था भी इसी छात्रावास द्वारा की जाएगी। मुख्य अतिथि डॉ. कौशल किशोर दास जी महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि धन- संपदा उसी को फलीभूत होती जो इसका उपयोग अपने निजी तथा परमार्थ के कार्यों के लिए करता है। महाराणा प्रताप छात्रावास निर्माण कार्य हेतु दिया गया दान, हमें जीवन भर अजर अमर कर देता है, इसलिए हमारे समाज की इन वंचित जातियों को आर्थिक और सामाजिक रूप से मुख्यधारा में जोड़ने का हम सभी का दायित्व है। मुख्य वक्ता दुर्गादास जी ने अपने संबोधन में कहा कि मूल रूप से इन सभी जातियों का इतिहास बहुत ही गौरवशाली रहा है और इन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी देश और समाज की सेवा करते हुए अपने आप को नहीं बदला और बहुत से दबावों को झेलते हुए भी अपने सिद्धांतों से कोई समझौता नहीं किया। समाज ने इन घुमंतू जातियों के लोगों को हिकारत भरी नजरों से देखना शुरू कर दिया और ये जातियां समाज से दूर होती चली गईं। आज़ हम सभी का दायित्व है कि हम सभी मिलकर इन सभी जातियों को समाज से जोड़ते हुए मुख्यधारा में लौटाने की दिशा में प्रयास करें। इस महाराणा प्रताप छात्रावास का निर्माण इसी दिशा में किया गया एक प्रयास है। दुर्गादास जी ने छात्रावास निर्माण में सहयोग के लिए सभी दानदाताओं का आभार व्यक्त करते हुए, आग्रह किया कि आप सभी महानुभाव इस छात्रावास से जुड़े रहें। महाराणा प्रताप छात्रावास अधीक्षक बीरेंद्र बिष्ट के मार्गदर्शन में छात्रावास के बच्चों द्वारा देशभक्ति से ओत-प्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। समारोह में अतिथियों द्वारा छात्रावास निर्माण हेतु दिए गए सहयोग के लिए सभी दानदाताओं का सम्मान करते हुए निवेदन किया गया कि आप सभी भामाशाह इन बच्चों के प्रति सकारात्मक सोच बनाए रखते हुए इस छात्रावास से जुडे रहें। कार्यक्रम में महाराणा प्रताप छात्रावास समिति के सभी सदस्य और समाज के प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित रहे।