गंदे पानी से भरे रास्ते से ग्रामवासी और विद्यार्थी परेशान: लापरवाह जनप्रतिनिधियों की अनदेखी का शिकार ग्रामीण
गुरला (राजस्थान) गुरला क्षेत्र के ग्राम पंचायत रामपुरिया में विकास को लेकर मूल भूत सुविधाओ से कोसो दूर है, प्रशासनिक अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों की अनदेखी के चलते नारकीय जीवन जीने को मजबूर है, भीलवाड़ा से 20 किलोमीटर दूर रामपुरिया गांव की सड़कों की स्थिति बदतर हो गई है गांव के रास्ते पर पानी जमा होने से लोगों को घर से निकलने में परेशानियां हो रही है। वहीं महिला, बुजुर्गों, बच्चों का इस रास्ते से निकलना दुर्भर हो रहा है रामपुरिया निवासी रामदेव गुर्जर ने बताया कि इस समस्या के बारे में कई बार ग्राम पंचायत सरपंच ग्राम विकास अधिकारी को अवगत कराया लेकिन इस पर कोई समाधान नहीं हुआ। इससे रामपुरिया के वाशिंदे व इस गांव से गुजरने वाले अन्य लोगो ने प्रशासन के खिलाफ रोष व्यक्त किया है। इस गांव में
रास्ते पर जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने कीचड़ व गंदे पानी से भरे रास्ते से गुजरने पर मुख्य मार्ग पर कीचड़ और जल भराव की समस्या बनी हुई है बरसात के मौसम में क्षेत्र वासियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है की, विद्यालय जाने वाले नन्हे मुन्हे नोकरी पेशा, व किसी कार्यवश निकलने वाले ग्राम वासी और राहगीर पानी से भरी क्षतिग्रस्त सड़को से ही होकर गुजरने पर विवश है। रोज हो रही बारिश से स्थिति और भी दयनीय हो गई है रामपुरिया निवासी कक्षा 11 की छात्रा डाला गुर्जर ने कहा कि विधालय आते जाते समय खराब पानी व कीचड़ से से होकर विधालय जाना पड़ता है आये दिन कपड़े खराब हो जाते हैं । पानी स्थिति यह है की मार्ग पूरी तरह से पानी से भरा हुआ है। वही मार्ग पर कीचड़ फिसलन के कारण स्थानीय वाशिंदो को आवागमन में काफी परेशानी हो रही है। घरों का पानी व बारिश का पानी मार्ग पर एकत्र होने से उठ रही दुर्गंध से गांव वासियों का जीना दुश्वार हो गया है ऐसी स्थिति में गांव वासियों में संक्रामक बीमारियों के फैलने का भय बना है। जल निकासी के लिए नाली निर्माण कराया जाने की अत्यंत आवश्यकता है नारायण लाल गुर्जर रामलाल गुर्जर रामदेव गुर्जर ने बताया कि रास्ते में कीचड़ व गंदगी जमा होने से मच्छर पैदा हो रहे हैं इससे बीमारी भी फैलने का अंदेशा बना रहता है क्षेत्र वासियों ने बताया कि आम रास्ते पर सीसी रोड बनाने और जल निकासी के लिए नाली निर्माण कराया जाने की अत्यंत आवश्यकता है
- बद्रीलाल माली