जीवन में कुटिलता हटाकर सीधापन लाना ही आर्जव धर्म जैन मंदिरों में दशलक्षण महापर्व की धूम
मकराना (मोहम्मद शहजाद)। दशलक्षण महापर्व के तहत मकराना के जैन मंदिरों में धार्मिक कार्यक्रमों की धूम मची हुई है। दश लक्षण पर्व के तीसरे दिन मंगलवार को उत्तम आर्जव धर्म को लेकर जैन समाज के श्रावक व श्राविकाओं ने शहर के वसुंधरा नगर स्थित श्री चन्द्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर में अनेक प्रकार के धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रात: काल सभी साधर्मी प्रेमी बंधुओं ने मिलकर अभिषेक, शांतिधारा, पूजा अर्चना की और हर्षोल्लास पूर्वक श्री दशलक्षण विधान किया।
दशलक्षण पर्व के तहत उत्तम आर्जव धर्म के दिवस पर भगवान के प्रथम अभिषेक एवं पांडुक शिला पर विराजमान किया गया। वही प्रथम अभीषेक का सौभाग्य कमल कुमार, नितेश कुमार, योगेश कुमार पहाडिया परिवार को प्राप्त हुआ। शांति नाथ भगवान की शांति धारा का सौभाग्य रुपेश, यश, अमन साहुला परिवार पदम् प्रभु भगवान की शांति धारा नवीन कुमार, मनिष कुमार शाहबाज, आदिनाथ भगवान की शांति धारा सुनील कुमार, विभोर, अंसुल पहाड़ियां परिवार, पारस नाथ भगवान की शांति धारा सतिश गीरीश ढीलवारी परिवार एवं महावीर भगवान की शांति धारा विमल कुमार राहुल रोहित पहाड़ियां परिवार को सौभाग्य प्राप्त हुआ। वसुंधरा नगर विकास समिति के अध्यक्ष सुनील कुमार जैन ने बताया कि दोपहर की कक्षा में बच्चों एवं महिलाओं ने हर्षोल्लास पूर्वक बढ़-चढक़र भाग लिया। बच्चों की कक्षा के समापन पश्चात यहां पर धर्मसभा का आयोजन हुआ।
इस धर्मसभा को संबोधित करते हुए अंकित भैया ने कहा कि जीवन में कुटिलता हटाकर सीधापन लाना ही आर्जव धर्म है। मायाचारी कभी भी नहीं करना चाहिए, दूसरों के साथ मन में छल कपट की भावना नहीं रखे और सेवा के भाव को ही मन में रखते हुए पीडि़तों की मदद करे। उन्होने कहा कि हम सब से अच्छा व्यवहार करेगें तो हमारे साथ भी अच्छा व्यवहार ही होगा। मन के भीतर तथा बाहर एक समान अच्छे कर्म के भाव रखे। आर्जव धर्म भी हमे यही सीख देता है और इस सीख को सभी आत्मसात करे। साथ ही उन्होने भगवान महावीर के जीवन के अनसुने पहलुओं पर भी प्रकाश डाला।
इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत दीप प्रज्वलन व मंगलाचरण डॉ. प्रमोद कुमार जैन ने किया तथा मंच संचालन नीतेश जैन और सुमित जैन ने किया। इस अवसर पर कमल कुमार पहाडिया, डॉ प्रमोद जैन, सुनील दिलवारी, प्रकाश डोसी, सतीश दिलवारी, मनीष शाह बजाज, नवीन पाण्ड्या, नवीन शाह बजाज, गिरीश बरेठा, रूपेश साहुला, पवन कटेरिया, प्रदीप सेठी, अनिल मेहतिया, विमल मेहतिय, सुशील बज, कैलाश प्रेमपुरा, कमल रारा, विजय कुमार पहाडिया, विमल पहाडिया, पवन पहाडिया, मुकेश बाकलिवाल, राजकुमार पाटनी, कमल पाण्ड्या, मैनादेवी पहाडिया, तिलका देवी डोषी, सोहनीदेवी बाकलिवाल, रामकली, रैणु जैसवाल, ममता बाकलीवाल, मधु जयसवाल, बिना पाटनी, निधी पहाड़ियां सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित थे।