पशुओं के लिए बनी जीवनदायिनी 1962सेवा
राजगढ़ (अलवर / अनिल गुप्ता)। पशुओं के लिए जीवनदायिनी बनी 1962 सेवा पशुपालकों को पसंद आ रही राज्य सरकार की योजना 1962 पशु चिकित्सा मोबाइल वैन घर घर दे रही सेवाअआवांरा बीमार पशुओं के लिए बनी जीवनदायिनी डाक्टर जितेंद्र मीणा व टीम दे रही रैणी क्षेत्र में सेवा।
राजस्थान सरकार की पशु चिकित्सा मोबाइल वैन घर घर पहुंच कर अपनी सेवा दे रही है। सरकार की यह योजना पशुपालकों के लिए मददगार बनी हुई है वही आंवारा पशुओं के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही है।
पालतू पशुओं का इलाज तो पशुपालकों के द्वारा करा लिया जाता है लेकिन आवारा पशुओं पर अधिकतर ध्यान नहीं दिया जाता। 1962 निशुल्क सेवा किसी भी बीमार पशुओं की जानकारी के बाद मौके पर पहुंचकर सेवा दे रही है। डाक्टर जितेंद्र मीणा व उनकी टीम रैणी क्षेत्र में अपनी सेवाएं देने मे जुटे रहते हैं। फिलहाल यह सेवा गांवों में शिविर लगाकर दी जा रही है। कुछ ही समय में यह सुविधा आनकाल प्रारम्भ हो जाएगी।